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Published 19:54 IST, May 16th 2024

‘कड़ी मेहनत, जुनून और दक्षता’, पूर्व कप्तान भूटिया ने बताया- छेत्री अन्य खिलाड़ियों से क्यों हैं अलग

भारतीय फुटबॉल लीजेंड सुनील छेत्री ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। छेत्री के संन्यास पर पूर्व भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान बाईचुंग भूटिया का बयान आया है।

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Former Indian Football Team Captain Bhaichung Bhutia on Sunil Chhetri Retirement
सुनील छेत्री के संन्यास पर बोले पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाईचुंग भूटिया | Image: PTI-File

Sunil Chhetri Announced Retirement: भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia) को लगता है कि संन्यास लेने वाले भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) अपनी कड़ी मेहनत, जुनून और पेशेवर रवैये से अपनी पीढ़ी के अन्य खिलाड़ियों से अलग हैं, जिसकी बदौलत वो ‘आइकन’ खिलाड़ी बन गए हैं।

39 वर्षीय छेत्री ने गुरुवार को फुटबॉल से संन्यास लेने का ऐलान किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में कहा कि 6 जून को कोलकाता में कुवैत के खिलाफ फीफा वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मैच उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच होगा। 

भूटिया ने छेत्री पर क्या कहा?  

भूटिया ने पीटीआई से कहा- 

सुनील छेत्री की कड़ी मेहनत, जुनून, समर्पण और सच्चा पेशेवर रवैया, उनका फोकस और हर दिन बेहतर करने का जज्बा ही उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता है। जब वो युवा थे तो वो हमेशा सीखने के इच्छुक रहते थे और बेहतर करने के लिए जो संभव हो, वो सब करते थे। सुनील ने भारतीय फुटबॉल को अपनी लंबी सेवाएं दी हैं और उनका योगदान अपार है। उनका संन्यास लेना भारतीय फुटबॉल के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। वो भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक रहेंगे। 

छेत्री ने जब 2005 में भारत के लिए डेब्यू किया था तो भूटिया भारतीय फुटबॉल के ‘पोस्टर ब्वॉय’ और कप्तान थे। दोनों 6 साल तक साथ खेले और दोनों स्ट्राइकरों की जोड़ी शानदार थी। भूटिया के 2011 में संन्यास लेने से पहले छेत्री को टीम की कमान सौंपी गई। इसके बाद छेत्री ने भूटिया द्वारा बनाए गए लगभग हर रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

47 साल के महान खिलाड़ी भूटिया ने कहा- 

बतौर स्ट्राइक जोड़ीदार हमारी आपस में अच्छी समझ थी और हमने इसका लुत्फ उठाया। मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैं उनके साथ खेला। जब मैं आया था तो आई एम विजयन मेरे सीनियर थे और जब मैं संन्यास लेने वाला था तो सुनील आया। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि भारतीय फुटबॉल की अगुआई करने वाले दो दिग्गजों के बीच के समय में खेला। 

इसमें कोई दोराय नहीं है कि भारतीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर का जो कद है, वहीं फुटबॉल में सुनील छेत्री का है। वो भारतीय फुटबॉल के लीजेंड हैं और हमेशा रहेंगे। 

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Updated 19:54 IST, May 16th 2024