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Published 09:40 IST, December 11th 2024

मां की आखिरी ख्वाहिश भी रह गई अधूरी! विनोद कांबली की जिंदगी का वो कड़वा सच जिसे जान कलेजा फट जाएगा

विनोद कांबली ने सचिन के साथ एक ही रास्ते से चलकर भारतीय टीम तक का सफर तय किया था, लेकिन जिंदगी की गाड़ी कब दूसरे रास्ते पर निकल गई पता ही नहीं चला।

Reported by: Ritesh Kumar
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Vinod Kambli could not fulfilled Mother last wish
विनोद कांबली नहीं पूरा कर सके थे मां से किया आखिरी वादा | Image: ap

Vinod Kambli: भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। सचिन तेंदुलकर के साथ उन्होंने एक ही रास्ते से चलकर भारतीय टीम की ड्रेसिंग रूम तक का सफर तय किया था, लेकिन जिंदगी की गाड़ी कब दूसरे रास्ते पर निकल गई किसी को पता ही नहीं चला। अब आलम ये है कि वो अपने पैरों से दो कदम चल भी नहीं पा रहे हैं और उनकी लड़खड़ाती जुबान देखकर फैंस सदमे में हैं। विनोद कांबली की पूरी कहानी ही संघर्ष से भारी रही है। एक कड़वा सच ये भी है कि पूर्व क्रिकेटर अपनी मां से किया वादा भी पूरा नहीं कर सके थे।

भारत के लिए कुल 121 मैच खेलने वाले विनोद कांबली इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। पूर्व खिलाड़ी शराब से जुड़ी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो अपने बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर से मिलते दिखे थे। उस इवेंट में कांबली जिस हाल में दिखे थे उसे देखकर करोड़ों क्रिकेट फैंस को झटका लगा था।

मां से किया वादा भी पूरा नहीं हो सका

भारत के पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली की निजी जिंदगी भी संघर्ष और तनाव से भरी रही। उन्होंने अपनी मां से भी एक वादा किया था लेकिन उसे पूरा नहीं कर सके थे। इस कड़वे सच का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में किया था। दरअसल, कांबली रणजी ट्रॉफी का एक अहम मैच खेल रहे थे तभी अचानक उन्हें पता चला कि उनकी मां का निधन हो गया है। उन्होंने मां से एक वादा किया था लेकिन वो अधूरा रह गया।

विनोद कांबली ने कहा था, ''मुझे अभी भी याद है कि जब मेरी मां का निधन हुआ था तब मैं रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल मैच खेल रहा था। रात में पता चला कि मेरी मां अब दुनिया में नहीं रही। जब मैंने उनसे आखिरी बात की थी तब कहा था कि इस मैच के बाद मैं आपसे मिलने जरूर आऊंगा। निधन के बाद जब मैं अगली सुबह पहुंचा तो मैं सिर्फ रो रहा था।''

मां की निधन के बाद खेले रणजी मैच

मां की निधन से मेरे पर दुखों का पहाड़ टूट गया था। तब मेरे पिता पास आए और कहा कि मम्मी का सपना था कि तू वो मैच खेले। इसके बाद मैंने वो मैच खेला। मैं जब भी चौका या 2-2 रन भाग रहा था तो आंखों से आंसू टपक रहे थे।

विनोद कांबली का करियर

विनोद कांबली ने साल 1993 में भारत के लिए डेब्यू किया। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारत के लिए 17 टेस्ट और 104 वनडे मैच खेले। उन्होंने 1995 में अपना आखिरी टेस्ट और 2000 में अंतिम अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेला। इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने से पहले उन्होंने मुंबई के एक स्कूल टूर्नामेंट में सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर 664 रनों की साझेदारी कर क्रिकेट जगत में तहलका मचा दी थी।

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Updated 09:40 IST, December 11th 2024