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पब्लिश्ड 20:45 IST, March 12th 2024

रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक के बाद मुशीर ने बोली दिल की बात, कहा- ‘सचिन सर को बड़े स्क्रीन पर देखना…’

टीम इंडिया में सरफराज खान तो वहीं उनके भाई मुशीर की रणजी ट्रॉफी में किस्मत चमकी हुई है। मुशीर ने रणजी फाइनल में शतक जड़ा है और इसके बाद उन्होंने दिल की बात कही।

Reported by: Digital Desk
Edited by: DINESH BEDI
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Sachin Tendulkar & Musheer Khan
सचिन तेंदुलकर और मुशीर खान | Image: AP/PTI

Musheer khan spoke after century in the Ranji trophy final: रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच के तीसरे दिन मंगलवार को महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी 19 वर्षीय बल्लेबाज मुशीर खान के लिए प्रेरणादायक साबित हुई। 

टीम इंडिया के सदस्य सरफराज खान के छोटे भाई ने रणजी फाइनल की दूसरी पारी में 136 रन की धमाकेदार पारी खेली, जिसकी बदौलत मुंबई ने विदर्भ को जीत के लिए 538 रन का विशाल लक्ष्य दिया। मुशीर ने 2024 रणजी ट्रॉफी सीजन के तीन नॉकआउट मैचों में अपना दूसरा शतक जमाकर मैच पर मुंबई का शिकंजा कस दिया।

क्वार्टर फाइनल में जड़ा था दोहरा शतक

बता दें कि मुशीर ने इससे पहले क्वार्टर फाइनल में बड़ौदा के खिलाफ 203 रन की नाबाद पारी खेली थी। उन्होंने सेमीफाइनल में भी तमिलनाडु के खिलाफ महत्वपूर्ण 55 रन बनाए थे।

मैच के बाद मुशीर ने कही दिल की बात 

मुशीर ने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा-

मुझे पहले पता नहीं था कि सचिन सर यहां मौजूद है। मैं जब 60 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था तब मैंने उन्हें बड़ी स्क्रीन पर देखा। इसने मुझे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि वो मैच देख रहे थे और मुझे उन्हें प्रभावित करना था। कप्तान अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर जैसे अनुभवी इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ क्रीज पर समय बिताने से मुझे बहुत कुछ सीखने में मदद मिली।

मुशीर ने रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 130, जबकि अय्यर के साथ चौथे विकेट के लिए 168 रन की साझेदारी की। बता दें कि तेंदुलकर के अलावा भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी रणजी फाइनल देखने के लिए वानखेडे स्टेडियम में मौजूद थे, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

साझेदारी के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला

19 वर्षीय मुशीर ने कहा-

साझेदारी के दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे दो टेस्ट खिलाड़ियों के साथ बल्लेबाजी करने का मौका मिला। उनकी टीम का हर गेंदबाज अज्जू दादा (अजिंक्य रहाणे) को आउट करने की कोशिश कर रहा था। इससे मेरा काम आसान हो गया। 

'रणजी फाइनल में शतक सपने के सच होने जैसा'

हाल ही में भारतीय टीम के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने वाले इस बल्लेबाज ने कहा कि देश के प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट के फाइनल में शतक बनाना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा था। उन्होंने कहा-

रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक बनाना मेरे लिए एक सपना था। हमने अच्छी साझेदारी की, हमने अच्छी तरह से संवाद किया और अय्यर भाई जोर दे रहे थे कि हमें लंबे समय तक बल्लेबाजी करनी है और मैच को विरोधी टीम की पहुंच से दूर ले जाना है। 

मुशीर ने बताया कि पहली पारी की विफलता के बाद उन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाने वाले अपने बड़े भाई सरफराज खान से बात की थी। मुशीर ने कहा कि उन्होंने पहले भाई से बात की थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि फाइनल में ये मेरे लिए अच्छा मौका है, जिसे हर कोई देख रहा है। अगर वो यहां रन बनाएंगे तो ये मेरे लिए भविष्य में बेहतर होगा। उन्होंने बताया कि जब वो पहली पारी में कम स्कोर पर आउट हो गए थे तो उन्होंने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं, दूसरी पारी में खुद को बैक करो और जिस तरह से वो सहज महसूस करें उसी तरह से बल्लेबाजी करूं। 

बता दें कि मुशीर रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के लिए शतक जड़ने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले ये रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम था। 

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अपडेटेड 22:23 IST, March 12th 2024