Published 20:22 IST, December 4th 2024
वो क्रिकेट के 'संकटमोचक'... Jay Shah पर ICC के पूर्व चेयरमैन बार्कले का बड़ा बयान
ICC के पूर्व अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का मानना है कि जय शाह (Jay Shah) में क्रिकेट को मौजूदा संकट से बाहर निकालने और इसे अगले स्तर पर ले जाने की क्षमता है।
ICC Champions Trophy 2024: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के पूर्व अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का मानना है कि जय शाह (Jay Shah) में क्रिकेट को मौजूदा संकट से बाहर निकालने और इसे अगले स्तर पर ले जाने की क्षमता है।
उन्होंने हालांकि अपने उत्तराधिकारी को खेल को ‘भारत के दबदबे’ में रखने के खिलाफ भी आगाह किया। बार्कले ने 4 साल के कार्यकाल के बाद एक दिसंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) के वेन्यू को लेकर चल रहे मौजूदा संकट के बीच अपने पद से हटने वाले बार्कले ने कहा कि क्रिकेट चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है।
उन्होंने ‘द टेलीग्राफ’ से कहा-
जय शाह भारत को इस खेल में एक अलग स्तर पर ले गए और उनके पास ICC के साथ ऐसा करने का शानदार मौका है। उन्हें हालांकि भारत के दबदबे से बाहर निकलना होगा। हम खुशकिस्मत हैं कि हमें इस खेल में भारत का साथ मिला है। वो सभी मापदंडों के आधार पर खेल में एक बड़ा योगदान देते हैं, लेकिन एक देश के पास इतनी शक्ति और प्रभाव होने से बहुत सारे अन्य परिणाम बिगड़ सकते हैं। ये स्थिति खेल से जुड़े वैश्विक विकास में सहायक नहीं है।
उन्होंने कहा कि शाह में भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी आगे ले जाने की क्षमता है। उन्होंने कहा-
भारत कई चीजें कर सकता है, जिससे खेल को एकजुट करने और आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है जिसमें अपनी टीमों का उपयोग करके छोटे पूर्ण सदस्यों और उभरते देशों को अवसर देना, नए क्षेत्रों और बाजारों को खोलने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करना, सदस्यों को लाभ पहुंचाने के लिए आईसीसी के साथ मिलकर काम करना जैसे काम शामिल हैं।
बार्कले ने माना कि वर्तमान में अत्याधिक क्रिकेट के कारण वो कई बार व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर का भी ध्यान नहीं रख पाते। उन्होंने कहा-
मुझे लगता है मैं खेल के शिखर पर हूं और मैं आपको ये नहीं बता सकता कि दुनिया भर में कौन खेल रहा है। श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के मैच के बारे में मुझे अखबार में पढ़कर पता चला। ऐसे में मुझे लगता है कि हमने अपना दृष्टिकोण खो दिया है। ये खेल के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इसमें कुछ गड़बड़ है और कैलेंडर काफी व्यस्त है। हमारा स्वार्थ ऐसा है कि इन सभी को सुलझाना लगभग असंभव है, क्योंकि कोई भी अपनी फायदे वाली चीजों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
बार्कले ने तालिबान सरकार के गठन के बाद महिला क्रिकेट को भंग करने के बावजूद अफगानिस्तान से पूर्ण सदस्यता वापस न लेने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने इस देश के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज न खेलने को लेकर ऑस्ट्रेलिया की आलोचना की। उन्होंने कहा-
इसमें अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कोई गलती नहीं थी। उनके पास महिला क्रिकेट हुआ करता था। मुझे लगता है कि हमारा दृष्टिकोण सही रहा है। अफगानिस्तान को बाहर निकालना आसान होगा, लेकिन इसमें उनके बोर्ड की कोई गलती नहीं है। वो सिर्फ एक आदेश और कुछ कानून के तहत काम कर रहे हैं। उन्हें बाहर निकालने से वहां की सत्ताधारी पार्टी को कोई फर्क पड़ेगा।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘‘ अगर आप वाकई कोई राजनीतिक बयान देना चाहते हैं, तो उनके खिलाफ विश्व कप में मत खेलिए। बेशक, इससे आपको सेमीफाइनल में जगह नहीं मिल पाएगी, लेकिन सिद्धांत तो सिद्धांत ही होते हैं। ये आधे-अधूरे सिद्धांत के बारे में नहीं है।’’
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 20:22 IST, December 4th 2024