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पब्लिश्ड 22:17 IST, January 9th 2025

भारतीय टीम के कोच के लिए गंभीर सही विकल्प नहीं: मनोज तिवारी

पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने भारतीय टीम के हालिया प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि गौतम गंभीर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी को सलाह देने में माहिर हो सकते हैं लेकिन राष्ट्रीय टीम के कोच के लिए ‘सही विकल्प’ नहीं है।

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Gautam Gambhir speaks to the media ahead of BGT 2024
Gautam Gambhir speaks to the media ahead of BGT 2024 | Image: PTI

पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने भारतीय टीम के हालिया प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि गौतम गंभीर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी को सलाह देने में माहिर हो सकते हैं लेकिन राष्ट्रीय टीम के कोच के लिए ‘सही विकल्प’ नहीं है। 

गंभीर के कोच बनने के बाद भारतीय टीम को 27 वर्षों में पहली बार श्रीलंका में एकदिवसीय श्रृंखला हार का सामना करना पड़ा। टीम को इसके बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 0-3 की हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम अपनी सरजमी पर पहली बार तीन मैचों की श्रृंखला में 0-3 से हारी थी। टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक दशक में पहली बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवा दी। 

तिवारी का आईपीएल खेलने के दिनों में 2013 में गंभीर के साथ ड्रेसिंग रूम में तकरार हुआ था। तब दोनों कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में शामिल थे। उन्होंने कोच के रूप में गंभीर की असफलता का हवाला देते हुए पीटीआई को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘देखिए, परिणाम आपके सामने है। परिणाम झूठ नहीं बोलते। आंकड़े गलत नहीं होते। रिकॉर्ड खुद बोलता है।’’ पश्चिम बंगाल सरकार के खेल राज्य मंत्री तिवारी ने गंभीर के कोचिंग के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘वह राहुल द्रविड़ के अच्छे कामों को आगे नहीं बढ़ा पाए ।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ गंभीर को चीजों को सही करने या जीत की राह पर आने में बहुत समय लगेगा। उन्हें भारत जैसी टीम के खिलाड़ियों को कोचिंग देने का कोई अनुभव नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि उनके पास टेस्ट या एकदिवसीय क्रिकेट में कोचिंग देने का कोई अनुभव है।’’  तिवारी का मानना है कि वीवीएस लक्ष्मण और साईराज बहुतुले जैसे पूर्व खिलाड़ियों को कोचिंग में पर्याप्त अनुभव है और वे भारतीय टीम के कोच के लिए आदर्श विकल्प होते। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वीवीएस लक्ष्मण और साईराज बहुतुले जैसे पूर्व खिलाड़ी अगले मुख्य कोच बनने की कतार में थे। ये लोग पिछले कई वर्षों से एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) के साथ हैं। जब राहुल द्रविड़ उपलब्ध नहीं थे, तो अगला कोच ऐसे ही किसी को होना चाहिये था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ द्रविड़ के मामले में उस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा था लेकिन इस बार गंभीर कैसे आए, कोई नहीं जानता। इसलिए ऐसा परिणाम मिलना तय था।’’ 

तिवारी ने कहा, ‘‘जब कोई ऐसा व्यक्ति आता है जिसके पास कोई अनुभव नहीं है और वह काम करता है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कितना आक्रामक है। ऐसे में यह परिणाम आना तय है।’’  उन्होंने कहा,‘‘ सिर्फ आईपीएल का परिणाम देखकर उन्हें मुख्य कोच नियुक्त करने का निर्णय गलत था। मेरी समझ से यह सही विकल्प नहीं था।’’ उन्होंने केकेआर के आईपीएल चैम्पियन बनने का पूरा श्रेय गंभीर को दिये जाने की आलोचना करते हुए कहा कि टीम की सफलता में मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित और खिलाड़ियों का भी अहम योगदान था। 

उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें कोई शक नहीं कि गंभीर ने खराब दौर से गुजर रहे आंद्रे रसेल और सुनील नारायण जैसे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया लेकिन अगर वही सारा काम कर रहे थे तो चंद्रकांत पंडित क्या कर रहे थे? क्या आप कहना चाह रहे हैं कि केकेआर की सफलता में कोच के तौर पर चंद्रकांत पंडित और अन्य खिलाड़ियों की कोई भूमिका नहीं थी?’’ 

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अपडेटेड 22:17 IST, January 9th 2025