कोलकाता में दरिंदगी के खिलाफ देशभर में आक्रोश है. जिसे लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज़ बुलंद हो रही है. इस बीच दरिंदगी के कसूरवार को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए CBI तेज़ी से जांच कर रही है और वारदात से जुड़े हर एक पहलू और उससे जुड़े किरदारों की तफ्तीश कर रही है. CBI की जांच की आंच का ख़ौफ़ कुछ इस तरह दिखने लगा है, जब मामले से जुड़े संदिग्ध सवालों से भी भागने लगे हैं. एक तरफ दरिंदगी की जांच कर दोषी को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में CBI कोई कसर नहीं छोड़ रही है. तो वहीं घटना को लेकर बेशर्म सियासत भी थमने का नाम नहीं ले रही है. जिस झकझोरने वाली दरिंदगी के खिलाफ हर कोई आक्रोशित है. उसे लेकर राजनीति का एक धड़ा अपने सहूलियत के चश्मे से देखने से बाज़ नहीं आ रहा है. जहां नए नवेले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे भटकाने वाला मुद्दा करार दिया. तो वहीं ममता की पार्टी के नेता कुणाल घोष ने अपने ही राज्य में हुई इस बर्बरता को पुलवामा आतंकी हमले से जोड़ दिया. तो वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने राज्य सरकार को बचाने के लिए नए तर्क गढ़ रहे हैं.