वक्फ बोर्ड की कब्जाधारी नीति को खत्म करने के लिए ही मोदी सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा। लेकिन हमेशा की तरह मोदी सरकार के फैसले से विपक्ष ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। हर सियासी दल को इसमें अपना वोट बैंक दिखने लगा। सियासत ज्यादा और सही-गलत की राजनीति कम रह गई। वक्फ के मुद्दे पर सभी भाईजान एकजुट गए। AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुंबई में वक्फ बोर्ड कानून और मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर बीजेपी और सरकार पर कई आरोप लगाए। ओवैसी वक्फ बोर्ड के मामले में सभी  एकजुट मुसलमानों को इकठ्ठा करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन मुसलमानों के सबसे बड़े मसीहा बनने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने खिलाफत का बीड़ा उठा लिया लेकिन भाईजान भड़काते-भड़काते अपनी जुबां से ही सच कबूल कर गए।