सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव सीएम योगी आदित्यनाथ से वन टून वन फाइट नहीं चाहते थे। शायद अखिलेश नहीं चाहते थे कि वो कभी भी सीएम योगी के सामने आए। इसका उदाहरण ये है... अयोध्या से सांसद बनने के बाद अवधेश प्रसाद को हर जगह आगे करना। हर जगह अवधेश प्रसाद को प्रमोट करना। और उसके बाद अपने PDA फॉर्मूले को अलग रखकर माता प्रसाद को नेता विपक्ष की कुर्सी देना। अखिलेश अब तक तो अपने दांव में कामयाब हो रहे थे। वो सीएम योगी पर अलग अलग मुद्दों को लेकर निशाना साध रहे थे। लेकिन अयोध्या की मिल्कीपुर क्षेत्र में कभी नहीं गए। हां मिल्कीपुर अयोध्या के पदाधिकारियों की मीटिंग जरूर की लेकिन लखनऊ में। सपा के मुखिया की इसी दूरी को सीएम योगी ने अपने ब्रह्रास्त्र की तरह इस्तेमाल किया है। जब आज मिल्कीपुर को करोड़ों की सौगात देने के साथ ही अखिलेश औऱ समाजवादी पार्टी को निशाने पर ले लिया।