हिंदुस्तान शरिया से नहीं संविधान से चलता है... देशवासियों के कानून हमारा संविधान तय करता है... और इसी संविधान में जिक्र है कि वक्त आने पर UCC लाया जा सकता है... मगर जब मोदी सरकार सिविल कोड की तरफ बढ़ रही है... संविधान के मुताबिक एक समान कानून लाने की तैयारी है.... तो इससे खुद को मुसलमानों के रहनुमा कहने वाले बौखला रहे हैं.... मोदी के यूसीसी प्लान के खिलाफ खड़े होने वालों में मुस्लिम बोर्ड है...जो संविधान से ऊपर क्या शरिया को  मानता है...क्योंकि AIMPLB ने बकायदा चिट्ठी जारी कर PM के बयान को गलत बता दिया है... पहले सुनिए मोदी ने लाल किले से क्या कहा था...जैसे ही मोदी ने सेक्लुयर सिविल कोड पर ये ऐलान किया ... तो खुद को सेक्लुयर बताने वाली गैंग में खलबली मच गई...किसी को वोटबैंक कि चिंता सताई होगी... तो किसी को कुर्सी खिसकने की...लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आगे आया...और यूसीसी की मुखालफत का राग अलापना फिर शुरू कर दिया... कहने लगे कि मुसलमान शरिया के अलावा कुछ नहीं मानेंगे...