कोलकाता आरजी-कर मेडिकल कॉलेज का परिसर जंग का मैदान बन गया. जहां उपद्रवी भीड़ का एक ही मकसद था. अस्पताल में घुस कर बवाल करना. प्रदर्शन करे डॉक्टरों और युवाओं को निशाना बनाना और अस्पताल में मौजूद रेप केस जुड़े सभी सबूतों को खत्म कर देना...जिस तरह से इजरायली हमलों के बाद गाजा के तबाही की तस्वीरें मीडिया पर दिखीं थी.ठीक उसी तरह अस्पताल के अंदर सिर्फ और सिर्फ बर्बादी के ही निशान मौजूद थे.लेडी डॉक्टर के साथ हुई हैवानीयत पर इंसाफ की मांग को लेकर डॉक्टर और नौजवान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे.इसी दौरान हजारों की संख्या में बाहर से आए उपद्रवियों ने नारेबाजी करते हुए बवाल करना शुरू कर दिया औऱ न सिर्फ बवाल और उत्पात मचाया बल्कि क्राइम सीन के साथ भी छेड़छाड़ करने कि कोशिश की गई? क्या बंगाल में लॉ & ऑर्डर बिल्कुल खत्म हो गया है? क्या बंगाल पुलिस किसी के दवाब में काम कर रही है? अगर नहीं तो घटना के वक्त करीब 1 घंटे तक कहां थी बंगाल पुलिस? प्रदर्शन के नाम पर अस्पताल में तोड़फोड़ से कई सवाल खड़े हो रहे हैं?क्या सीबीआई जांच से ठीक पहले अस्पताल में सबूत मिटाने की साजिश रची गई? क्या प्रदर्शनकारियों की भीड़ में कुछ बाहरी लोग घुस आए थे?