उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सबसे विश्वसनीय वोटर यादव और मुसलमान ही रहे हैं... इन्हीं दोनों समुदायों के बल पर पहले मुलायम सिंह यादव और बाद में अखिलेश यादव अपनी सियासी जमीन मजबूत करते रहे... लेकिन इस लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव MY फैक्टर को लेकर काफी कनफ्यूज नजर आए... और उनके कनफ्यूजन का खामियाजा एस टी हसन जैसे नेताओं को भुगतना पड़ा...मुरादाबाद सीट से मौजूदा सांसद एस टी हसन ने चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी... नॉमिनेशन भी फाइल कर दिया... लेकिन अगले ही दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका टिकट काटकर आजम खान की करीबी मानी जाने वाली रुचि वीरा को दे दिया. टिकट कटने के बाद एस टी हसन खासा नाराज दिखे... पार्टी और एसटी हसन के बीच तनाव भी देखा गया... अखिलेश यादव प्रचार करने गए तब भी एसटी हसन साथ नहीं आए... अब हसन पाटी में मुसलमानों की कद्र न होने का आरोप लगाया है. सपा पर इस तरह का आरोप लगाने वाले एस टी हसन पहले नेता नहीं हैं... इससे पहले कई बार सार्वजनिक मंचो से AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सपा में मुस्लिमों को सम्मान न मिलने का आरोप लगाया है...