देश ने अपना जनादेश दे दिया है... इस बार के जनादेश में जनता ने किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है... यानि इस बार गठबंधन की ही सरकार बनने जा रही है... फिलहाल NDA पूर्ण बहुमत में है... इसीलिए नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की राह पर है... प्रधानमंत्री मोदी ने साबित कर दिया कि उनके विकास के आगे विपक्ष के झूठे वादों का अस्तित्व नहीं है... जनता का भरोसा आज भी प्रधानमंत्री मोदी पर बरकरार है...  इस बार INDI गठबंधन भी मजबूत स्थिति में है... देश की जनता ने 234 सीटें देकर INDI को मजबूत विपक्ष बनाया है... लेकिन INDI गठबंधन को मजबूत बनने में 10 साल लग गए... 2014 में जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तो विपक्ष काफी कमजोर था... यही वजह है कि मोदी ने एक मजबूर सरकार चलाई... 2019 में भी विपक्ष जनता में अपना विश्वास बना नहीं पाई...लेकिन 2024 में विपक्ष ने जनता में विश्वास तो पैदा किया... लेकिन जनता ने INDI को 2024 में सत्ता में बैठने लायक नहीं समझा.. इसीलिए विपक्ष में मजबूत स्थिति में बैठा दिया...  मोदी के तीसरे टर्म में INDI गठबंधन मजबूत स्थिति है... ऐसे में अब उनकी जिम्मेदारी जनता के मुद्दों को सरकार के सामने और अच्छे से रखने की है... कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्लिकार्जुन खरगे ने भी विपक्ष को तवज्जो दिए जाने की बात कही थी... लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष को काफी अच्छे माना जाता है... लेकिन ऐसे में सरकार की चुनौती भी बढ़ जाती है... सरकार को अपने हर फैसले में विपक्ष को साथ लेकर चलना पड़ जाता है... गठबंधन में रहते हुए सरकार चलाना भी एक चुनौती है... ये चुनौती तब और बढ़ जाती है.. जब गठबंधन के घटक दल अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा रखते हो... NDA में भी ऐसे सहयोगी दल है.. जो पलटी मारने के लिए मशहूर है... अब देखने वाली बात ये है कि मोदी ऐसे नेताओं को साथ लेकर मजबूत सरकार चला पाते हैं... सवाल ये भी है कि क्या ये सरकार 2014 और 2019 जैसे मजबूत फैसले लेने में सक्षम होगी...