गंगा-जमुनी तहजीब वाली हरदोई लोकसभा सीट की राजनीति के क्षेत्र में अपनी खास जगह है। उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में पड़ने वाली हरदोई सीट पर कभी कांग्रेस का खूब डंका बजा, तो कभी साइकिल भी चली। हाथी दौड़ा तो पर दिल्ली नहीं पहुंच सका। अब तो कमल ही खिल रहा है। चुनाव कोई भी रहा हो, मुद्दे दूर ही रहे और मतदाता लहरों में बहकर चेहरों को चुनते रहे।हरदोई की अहमियत को इसी बात से समझा जा सकता है कि यहां अबसे कुछ देर पहले सभी सियासी दलों के स्टार प्रचारकों का जमावड़ा रहा। गृहमंत्री अमित शाह से लेकर अखिलेश यादव और मायावती ने यहां जनसभाएं कीं। दो दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर धुआंधार हमले किए।हरदोई सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है, तो समाजवादी पार्टी फिर से यहां पर वापसी करना चाहती है और मायावती की पार्टी की हालत तो यहां ये है कि वो अब तक इस सीट पर अपना खाता तक नहीं खोल सकी है, जबकि कांग्रेस को यहां पर 40 साल से अपनी पहली जीत का इंतजार है।हर पार्टी इस सीट को अपनी झोली में भरने की पुरजोर कोशिश कर रही है। यही कारण है कि अवध की इस धरती पर अमित शाह पहुंचे, तो राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए अखिलेश और राहुल पर जमकर प्रहार किया।