आज ही की वो तारीख थी, जब 1947 में भारत से टूटकर पाकिस्तान बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी ना भरने वाला ये जख्म दे गए, जिसकी दर्दनाक यादें कभी भुलाई नहीं जा सकती हैं। आज यही जख्म इतने गहरे हो गए हैं कि 77 साल बीत जाने के बावजूद भर नहीं पाए हैं। बल्कि ये भरने के बजाय और गहरे होते जा रहे हैं। और इन्हीं जख्मों की आड़ में आतंकियों को पनाह मिलती गई और आतंकवाद पड़ोसी मुल्क में पैर पसारता चला गया। पाकिस्तान की सियासत तक पर आतंकवाद हावी हो गया। और यही कारण है कि वो आज बन चुका है आतंकिस्तान। पाकिस्तान का ये आतंक पथ ही भारत के लिए नासूर बनता चला गया है।हालांकि मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद से आतंकी घटनाओं में कमी देखी गई। लेकिन दरमियां पुलवामा जैसे हमले भी हुए। वो मोदी सरकार ही थी, जिसने महज 12 दिनों के अंदर पाकिस्तान को उसके घर के अंदर ही घुसकर मुंहतोड़ जवाब दिया था। पड़ासी देश में पनाह लेकर बैठे सभी आतंकी संगठनों के लिए मोदी सरकार वो रोड़ा है, जिससे वो कभी जीत नहीं पाएंगे। आर्टिकल 370 हटने के बाद से तो आतंकियों में अलग तरह की बौखलाहट है। प्रधानमंत्री मोदी अलग अलग समय पर आतंकवाद के खिलाफ अपने विजन को साफ करते रहे हैं। अभी लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी पीएम मोदी ने आतंकवाद को कई मौकों पर आड़े हाथों लिया और ये बता दिया कि आतंकियों को वो कभी फलने फूलने नहीं देंगे।