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Published 16:19 IST, October 26th 2024

Kartik Amavasya 2024: क्यों मनाई जाती है कार्तिक अमावस्या? क्या है इसका महत्व और पूजा की विधि

Kartik Amavasya 2024: कार्तिक माह की अमावस्या का बेहद खास माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इसे क्यों मनाया जाता है और इस दिन पूजा की विधि क्या है?

Kyo Manai Jati Hai Kartik Amavasya
क्यों मनाई जाती है कार्तिक अमावस्या? | Image: Freepik

Kartik Amavasya Mahatav Aur Puja Vidhi: वैसे तो हर महीने में अमावस्या तिथि पड़ती है, लेकिन कुछ महीनों में इस दिन का खास महत्व माना जाता है, जिसमें से एक कार्तिक का महीना भी है। कार्तिक के माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya) क्यों मनाई जाती है और इस दिन पूजा की विधि क्या है। तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।

सबसे पहले हम यह जानते हैं कि इस साल कार्तिक अमावस्या किस दिन पड़ रही है। पंचांग के मुताबिक इस बार कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya Date) 31 अक्टूबर, 2024 की दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 1 नवंबर, 2024 की शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से अमावस्या तिथि 1 नवंबर, 2024 को पड़ रही है। इस दिन पवित्र स्नान के साथ-साथ दान-पुण्य का भी खास महत्व माना जाता है।

क्यों मनाया जाता है कार्तिक अमावस्या क्या है इसका महत्व? (Kartik Amavasya)

धार्मिक मान्यताओं और ब्रह्म पुराण के मुताबिक कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya Ka Mahatav) के दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण के लिए आती हैं। ऐसे में इस दिन उनकी पूजा विधि-विधान से करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां लक्ष्मी का वास होता है। वहीं अलग-अलग पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन दीपदान, गीता पाठ करना, अन्न दान और ऊनी वस्त्रों का दान करने से देवता संग पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सुख, समृद्धि और सफलता का वरदान मिलता है। इसलिए सनातन धर्म में कार्तिक अमावस्या का खास महत्व बताया गया है।

कार्तिक अमावस्या पूजा विधि? (Kartik Amavasya Puja Vidhi)

  • कार्तिक अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी या उसके जल से स्नान करें।
  • फिर उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। पितरों के लिए तर्पण करें और जल में तिल प्रवाहित करें, जिसे लाभकारी माना जाता है।
  • सुबह-सुबह नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है इससे ग्रहजन्य कष्ट दूर होते हैं।
  • फिर प्रदोष काल में शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करें। ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
  • कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya Upay) की शाम घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाएं। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा मिलती है और यम और पितर प्रसन्न होते हैं।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 16:53 IST, October 26th 2024