Published 17:25 IST, December 25th 2024
Saphala Ekadashi 2024: क्यों रखना जरूरी है खरमास की सफला एकादशी का व्रत? जानें महत्व और नियम
Saphala Ekadashi Importance: वैसे तो सभी एकादशी तिथि खास होती है, लेकिन सफला एकादशी सबसे खास मानी जाती है। आइए जानते हैं इसका व्रत रखना जरूरी क्यों होता है।
What is significance and rule of Saphala Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) बहुत ही महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है। वैसे तो यह साल में 24 और महीने में 2 बार पड़ती है, लेकिन शास्त्रों में इन सभी के नाम और महत्व अलग-अलग बताए गए हैं। उन्हीं में से एक सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) भी है। जो हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Saphala Ekadashi Date) को मनाया जाता है। हालांकि बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सफला एकादशी की व्रत रखना क्यों जरूरी (Saphala Ekadashi Vrat Mahatav) है और इसके नियम क्या है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
सफला एकादशी व्रत (Saphala Ekadashi Vrat Date) की शुरुआत इस साल बुधवार 25 दिसंबर, 2024 की रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगी, जिसका समापन अगले दिन यानी गुरुवार 26 दिसंबर, 2024 की देर रात 12 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक यह व्रत गुरुवार 26 दिसंबर, 2024 को रखा जाएगा।
क्यों रखना जरूरी होता है सफला एकादशी का व्रत? (Why is important to observe Saphala Ekadashi fast?)
धार्मिक मान्यता के मुताबिक सफला एकादशी का व्रत (Saphala Ekadashi Vrat 2024) रखने वाले जातक को भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही इस व्रत को रखने से साधक के सभी कार्य सफल होते हैं, इसलिए इसे सफला या सफलता एकादशी के नाम से जाना जाता है।
सफला एकादशी का महत्व (Importance of Saphala Ekadashi)
सफलता प्राप्ति
मान्यता है कि इस दिन व्रति विशेष रूप से भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा करते हैं ताकि वे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें। यह व्रत विशेष रूप से व्यापार, शिक्षा, और अन्य कार्यों में सफलता के लिए माना जाता है।
पुण्य की प्राप्ति
सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) का व्रत रखने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और इससे उनके जीवन में कष्टों का निवारण होता है।
उपवास का लाभ
इस दिन उपवास रखना शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए बहुत लाभकारी होता है। उपवास करने से मानसिक शांति और संतुलन मिलता है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
सफला एकादशी व्रत का कैसे करें पालन, क्या है नियम? (How to observe Saphala Ekadashi fast, what is rules?)
व्रत में रखें इन बातों का ध्यान
सफला एकादशी के दिन उपवास रखना चाहिए। कुछ लोग जल ग्रहण करते हैं, जबकि कुछ लोग केवल फलाहार (फल और दूध) करते हैं। पूरी तरह से उपवास रखना अनिवार्य नहीं होता, लेकिन संयमित आहार रखना अच्छा माना जाता है।
भगवान विष्णु की पूजा
इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु या उनके अवतार श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान 'विष्णु सहस्त्रनाम' का पाठ या 'श्री कृष्णाष्टकशतनाम' का जाप किया जाता है।
ध्यान और भजन
इस दिन भगवान के नाम का जप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। व्रति इस दिन भजन और कीर्तन में भी भाग ले सकते हैं।
तामसिक भोजन से बचें
इस दिन मांसाहार, शराब और तामसिक भोजन (जैसे प्याज, लहसुन) का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके बजाय शाकाहारी और सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए।
दान
व्रत समाप्ति के समय दान देना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। भोजन, वस्त्र, और अन्य दान करना पुण्यकारी होता है।
कैसे करें सफला एकादशी व्रत का समापन?
व्रत के बाद द्वादशी को उपवास को समाप्त किया जाता है। इस दिन व्रति भगवान विष्णु के साथ-साथ ब्राह्मणों को भोजन करा सकते हैं और उन्हें दान देना उत्तम माना जाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 17:25 IST, December 25th 2024