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पब्लिश्ड 20:38 IST, January 22nd 2024

भगवान राम और गिलहरी वाला वो प्रसंग... जिसकी PM मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद की चर्चा

Ram Mandir Pran Pratishtha के बाद PM Modi ने अपने संबोधन में श्रीराम और गिलहरी का जिक्र किया, तो चलिए दोनों के बीच के संबंध के बारे में जानते हैं।

Ram and squirrel
क्या है भगवान राम और गिलहरी का प्रसंग | Image: Freepik

Ram Mandir Pran Pratishtha PM Modi: दुनियाभर में मौजूद राम भक्तों के लिए 22 जनवरी का दिन बहुत ही खास और ऐतिहासिक रहा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की। इसके बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। PM ने अपने संबोधन में भगवान राम और गिलहरी के प्रसंग का भी ज्रिक किया।    

PM Modi ने अपने संबोधन में भगवान राम और गिलहरी के संवाद का जिक्र करते हुए देशवासियों को बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गिलहरी और भगवान राम का संवाद हमें बताता है कि सकारात्मक सोच और प्रयास हमेशा जारी रहने चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि श्रीराम और गिलहरी के संवाद की प्रेरक कहानी क्या है?

ये है भगवान राम और गिलहरी के संवाद की प्रेरक कहानी

भगवान राम से जुड़े कई ऐसे प्रसंग हैं, जो देश-काल और सरहदों की सीमाओं से परे पूरी मानवता को रोमांचित के साथ प्रेरित भी करते हैं। ऐसी ही एक कहानी गिलहरी और भगवान राम के संवाद की भी है, जो रामेश्वरम की है। लंकापति रावण से धर्मयुद्ध करने से पहले जब भगवान राम की वानरसेना रामसेतु बना रही थी उसी समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नजर एक गिलहरी पर पड़ी। वह अपनी क्षमता के मुताबिक छोटे कंकर रामसेतु निर्माण में लगे श्रमिकों को दे रही थी। यह देखकर भगवान राम को बड़ी हैरत हुई।

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प्रभु राम ने गिलहरी से सवाल करते हुए पूछा कि वह कंकरों को रामसेतु में क्यों डाल रही है? इसके पीछे सोच क्या है? बड़ी शिलाओं के बीच उसके कंकरों की क्या अहमियत होगी? तब गिलहरी ने बिना किसी संकोच के पूरे आत्मविश्वास से साथ श्रीराम के सभी सवालों के जवाब दिए। गिलहरी ने भगवान रामचंद्र से कहा कि भले ही उसका योगदान आकार की दृष्टि से बेहद लघु दिख रहा है, लेकिन नीयत के नजरिए से वह अपनी पूरी क्षमता से योगदान कर रही है।

गिलहरी ने आगे कहा कि अहमियत योगदान और श्रम की मात्रा या रामसेतु में डाले जा रही शिलाओं की भी है, लेकिन उसकी सोच सकारात्मक भूमिका निभाने की है। उसके इस जवाब से भगवान राम काफी प्रसन्न हुए। एक मान्यता ऐसी भी है कि गिलहरी की पीठ पर मौजूद धारियां भगवान राम की तीन अंगुलियों के निशान हैं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 20:38 IST, January 22nd 2024