पब्लिश्ड 23:17 IST, August 15th 2024
Varalakshmi Vrat: क्यों खास है सावन का आखिरी शुक्रवार? किस देवी का रखा जाएगा व्रत और क्या है महत्व
Sawan Shukrawar: सावन का आखिरी शुक्रवार बेहद खास होता है, क्योंकि इस दिन अखंड सौभाग्य का वरदान पाने के लिए महिलाएं खास देवी की पूजा करती हैं।
Kyo Khas Hai Sawan Ka Akhiri Shukrawar: हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही खास और पवित्र माना जाता है। इस माह में न सिर्फ भगवान शंकर की पूजा की जाती है, बल्कि पूरे महीने कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ते हैं, जिसमें से एक वरलक्ष्मी व्रत भी है। यह व्रत सावन माह के आखिरी शुक्रवार को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और धन की देवी मां लक्ष्मी के वरलक्ष्मी स्वरूप की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही कई अन्य परेशानियां भी खत्म होती है। इसलिए सावन का आखिरी शुक्रवार बेहद खास माना जाता है। आइए जानते हैं इस साल यह व्रत कब रखा जाएगा और इसका महत्व क्या है?
मुख्य रूप से वरलक्ष्मी का व्रत दक्षिण भारत में मनाया जाता है। मान्यता है कि वरलक्ष्मी की पूजा अर्चना और व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और खुशहाली का वरदान मिलता है। आइए जानते हैं ये व्रत कब रखा जाएगा।
कब रखा जाएगा वरलक्ष्मी व्रत?
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष के आखिरी शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 16 अगस्त 2024 को पड़ रहा है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 57 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। वहीं अगर आप इस मुहूर्त में पूजा न कर पाएं तो दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 8 मिनट तक वृश्चिक लग्न रहेगा जिसमें पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में आप इस मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं।
वरलक्ष्मी व्रत का क्या है महत्व?
वरलक्ष्मी व्रत को मनोकामना पूर्ति व्रत माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने वाली महिलाएं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। ये व्रत मां लक्ष्मी के वरलक्ष्मी स्वरूप को समर्पित है। इसलिए वरलक्ष्मी व्रत शुक्रवार के दिन रखा जाता है और अगर इस दिन विधि-विधान से वरलक्ष्मी का पूजन किया जाए तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं। यह व्रत परिवार में एकता और सुख-समृद्धि लेकर आता है।
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अपडेटेड 23:17 IST, August 15th 2024