Published 08:26 IST, December 8th 2024
Surya Dev Puja: रविवार के दिन इस तरह करें सूर्य देव की पूजा, पढ़ें ये आरती; चमक उठेगा भाग्य!
Surya Dev Ki Puja: रविवार के दिन आपको कुछ इस तरह से सूर्यदेव की पूजा करने के साथ-साथ उनकी आरती का पाठ भी करना चाहिए।
Surya Dev Ki Puja: हिंदू धर्म में रविवार का दिन बेहद खास होता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि अगर भगवान सूर्य की कृपा किसी व्यक्ति पर पड़ती है तो उसका भाग्य सूर्य के तेज के समान ही चमकने लगता है।
ऐसे में अगर आप भी सूरज के तेज की तरह अपना भाग्य चमकाना चाहते हैं तो आपको रविवार के दिन पूरे विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। साथ ही पूजा के समय सूर्य देव की इस आरती का पाठ भी करना चाहिए।
सूर्य देव की पूजा विधि (Surya Dev Puja Vidhi)
- रविवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहनना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसलिए सफेद वस्त्र धारण करें, ताकि आपके व्रत में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
- इसके बाद एक लोटे में जल लें और उसमें रोली, लाला फूल, अक्षत, चीनी, चंदन आदि डालें। ये सभी चीजें व्रत को और भी फलदायी बनाने में मदद करती हैं।
- अब इस तैयार जल का अर्घ्य सूर्य देवता को अर्पित करें। अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही रविवार का व्रत करने का संकल्प लें।
- इसके बाद एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान सूर्य की तस्वीर स्थापित करें। ध्यान रखें कि चौकी पर कपड़ा अच्छा और साफ हो।
- अब सूर्य देवता को अर्पित करने के लिए रोली, अक्षत, सुपारी, फूल आदि सामग्री तैयार करें और उन्हें सूर्य देव को अर्पित करें।
- सूर्य देव के पास घी का दीपक और धूप जलाकर उनकी पूजा करें। दीपक और धूप से वातावरण को शुद्ध करने में मदद मिलती है और पूजा का प्रभाव भी बढ़ता है।
- अब सूर्य देवता को भोग के रूप में फल और मिठाई अर्पित करें। ये भोग उनकी कृपा को आकर्षित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
- इसके बाद रविवार व्रत कथा पढ़ें। कथा सुनने से व्रत का महत्व समझ में आता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
- अंत में सूर्य देव की आरती अवश्य करें। यह आरती सूर्य देव को धन्यवाद देने का एक महत्वपूर्ण तरीका है और व्रत को सफल बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- इस प्रकार रविवार व्रत की विधि पूरी करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि बनी रहेगी।
सूर्य देव की आरती (Surya Dev ki Aarti)
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 08:26 IST, December 8th 2024