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Published 08:00 IST, November 17th 2024

Surya Mantra: सूर्यदेव को करना है प्रसन्न तो जरूर करें इन मंत्रों का जाप, हर दुख से मिलेगा छुटकारा

Surya Dev ke Mantra: अगर आप सूर्यदेव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आपको उनकी पूजा करते समय विभिन्न मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Surya dev
सूर्यदेव | Image: Freepik

Surya Dev ke Mantra: हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित किया गया है। इस दिन मुख्य रूप से सूर्यदेव की पूजा की जाती है। कहते हैं जिस व्यक्ति पर सूर्यदेव की कृपा होती है उसका भाग्य सूरज के तेज के समान चमक उठता है। इतना ही नहीं शास्त्रों में भी सूर्यदेव की पूजा को बेहद खास माना गया है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि सूरज के तेज की तरह ही आपका भाग्य भी चमक उठे तो आपको रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करने के साथ-साथ व्रत भी करना चाहिए।

इतना ही नहीं रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करते समय आपको उनके कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से सूर्य देव जल्दी प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। तो चलिए बिना किसी देरी के जान लेते हैं इन मंत्रों के बारे में।

सूर्यदेव के मंत्र (Surya Dev ke Mantras)

सूर्य प्रार्थना मंत्र

ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।
विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।

सूर्याष्टकम मंत्र

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते।

सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।

लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम्
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।

त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम्
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।

बृंहितं तेजःपुञ्जं च वायुमाकाशमेव च
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।

बन्धुकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम्
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।

तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेजः प्रदीपनम्
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।

तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।

यह सूर्याष्टकम मंत्र सूर्य देवता की आठ कवचों के रूप में पूजा करता है। इसका जाप करने से जीवन में समृद्धि, ज्ञान और सूर्यदेव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

सूर्य कवच

श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।
शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।
देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम।
ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत्।।

सूर्य मंत्र

  • ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
  • ॐ सूर्याय नम:।
  • ॐ घृणि सूर्याय नम:।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 08:00 IST, November 17th 2024