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पब्लिश्ड 19:37 IST, December 23rd 2023

रविवार को सूर्य देव ही नहीं भैरव बाबा की भी करें पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना

हिंदू धर्म के मुताबिक रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित किया गया है, लेकिन इस दिन भैरव बाबा की भी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इससे क्या फायदा होता है।

Bhairav ​​Baba
रविवार को सूर्य देव ही नहीं भैरव बाबा की भी करें पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना | Image: shutterstock

Bhairav ​​Baba Worship: शास्त्रों के मुताबिक सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है और इस दिन उस भगवान की पूजा करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। उन्हीं में से एक रविवार का दिन भी है। ज्यादातर लोगों को यही मालूम है कि संडे के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है, लेकिन इस दिन भैरव बाबा की पूजा का भी विधान है। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति बाबा की पूजा करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।

स्टोरी में आगे ये पढ़ें...

  • किस देवता के अवतार माने गए हैं भैरव बाबा?
  • भैरव बाबा की पूजा करने का क्या लाभ है?
  • भैरव बाबा की पूजा में कौन-कौन सी सामग्री लगती है?

शिव के रूप माने जाते हैं भैरव बाबा

हिंदू धर्म के मुताबिक भैरव बाबा देवों के देव यानि भगवान शिव के रुद्र अवतार माने जाते हैं। मान्यता है कि काल भैरव रक्षा और दंड दोनों के देवता हैं। वहीं, तो भी व्यक्ति भगवान काल भैरव की रविवार के दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ करता है उसे किसी भी तरह की परेशानीं नही होती है।

भैरव बाबा की पूजा करने का क्या लाभ है?

रविवार के दिन भैरव बाबा की पूजा करने का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन जो भी व्यक्ति बाबा की पूजा करता है उसे जल्द ही पूजा का फल मिलता है। माना जाता है कि रविवार के दिन भैरव पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

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भैरव बाबा की पूजा में इन चीजों को करें शामिल

  • रविवार के दिन सुबह नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
  • फिर घर के मंदिर में जाएं और भोलेनाथ के सामने हाथ जोड़कर उनके काल भैरव रूप का मन में ध्यान करें और पूजा का संकल्प लें। 
  • काल भैरव की पूजा में उन्हें तिल, उड़द चढ़ाए जाते हैं। बाबा भैरव के प्रिय भोग इमरती, जलेबी, पान, नारियल अर्पित करें।
  • अब काल भैरव जयंती की कथा पढ़ें और फिर भैरवनाथ की आरती कर दें।
  • शाम के समय भैरव बाबा के मंदिर में जाएं और वहां चौमुखी सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ कालभैरवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • इस दिन कालभैरवाष्टक का पाठ करना उत्तम फलदायी होता है।
  • गृहस्थ जीवन वाले निशिता काल में तेल का दीपक लगाकर घर में ही पवित्र स्थान पर काल भैरव का ध्यान करें और श्री भैरव चालीसा का पाठ करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 19:44 IST, December 23rd 2023