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पब्लिश्ड 08:01 IST, January 11th 2025

Pradosh Vrat 2025: पौष माह का आखिरी प्रदोष व्रत आज, नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

Shani Pradosh Vrat: आज शनि प्रदोष व्रत के मौके पर आप इन शुभ मुहूर्तों में महादेव की पूजा कर सकते हैं।

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प्रदोष व्रत | Image: देव_प्रेरणा फेसबुक

Pradosh Vrat Puja Muhurat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। हर महीने दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं, जिनमें एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। नए साल 2025 का पहला और पौष माह का आखिरी प्रदोष व्रत आज यानी शनिवार, 11 जनवरी को रखा जा रहा है। ऐसे में इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है।

मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन और पूरे विधि-विधान से प्रदोष व्रत के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना और पूजा करता है उसे प्रभु और माता प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस व्रत को करने से महादेव अपने भक्त के जीवन की समस्त समस्याओं का निवारण कर उस पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

शनि प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Muhurat)

पंचांग के अनुसार, पौष माह आखिरी प्रदोष व्रत आज यानी शनिवार 11 जनवरी के दिन रखा जा रहा है। ऐसे में आप विभिन्न मुहूर्तों पर शिवजी की पूजा कर सकते हैं।

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 08 मिनट तक।
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)

  • शाम के समय पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती समेत उनके पूरे परिवार और अन्य देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।
  • इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।
  • अब शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
  • इस दौरान शिवजी को चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, दूध, गंगाजल इत्यादि अर्पित करें।
  • भगवान को साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।
  • पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
  • आखिर में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान से क्षमा आदि मांगकर जो भी विनती आपको करनी है वह करें।

प्रदोष व्रत पर करें इन मंत्रों का जाप (Pradosh Vrat Mantras)

रूद्र मंत्र

ॐ नमो भगवते रूद्राय ।

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय
धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

शिव नमस्कार मंत्र

शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 08:01 IST, January 11th 2025