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Published 08:50 IST, December 28th 2024

Pradosh Vrat 2024: साल का आखिरी प्रदोष व्रत आज, नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shani Pradosh Vrat: आज प्रदोष व्रत के मौके पर आपको शिव पूजा का सही समय नोट कर लेना चाहिए।

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भगवान शिव | Image: social media

Pradosh Vrat Puja Muhurat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। हर महीने दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं, जिनमें एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस बार महीने का दूसरा और साल का आखिरी प्रदोष व्रत आज यानी शनिवार, 28 दिसंबर के दिन किया जा रहा है। जिसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है।

मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन और पूरे विधि-विधान से प्रदोष व्रत के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना और पूजा करता है उसे प्रभु प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस व्रत को करने से महादेव अपने भक्त के जीवन की समस्त समस्याओं का निवारण कर उस पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

शनि प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Muhurat)

पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज यानी शनिवार 28 दिसंबर को पड़ रही है। ऐसे में आप विभिन्न मुहूर्तों पर शिवजी की पूजा कर सकते हैं।

  • अमृत काल: सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 23 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से 02 बजकर 48 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक।
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)

  • शाम के समय पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती समेत उनके पूरे परिवार और अन्य देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।
  • इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।
  • अब शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
  • इस दौरान शिवजी को चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, दूध, गंगाजल इत्यादि अर्पित करें।
  • भगवान को साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।
  • पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
  • आखिर में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान से क्षमा आदि मांगकर जो भी विनती आपको करनी है वह करें।
     

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 08:50 IST, December 28th 2024