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Published 09:54 IST, August 14th 2024

Sawan 2024 End Date: इस तारीख को खत्म हो रहा है सावन का पावन महीना, जान लें डेट और शिव पूजन विधि

Sawan 2024 End Date: सावन का महीना कब खत्म हो रहा है और सावन का आखिरी सोमवार किस तारीख को पड़ रहा है? आइए यहां जानते हैं।

Shiv ji
भगवान शिव | Image: Freepik

Sawan 2024 Ka akhiri Somwar: सावन का महीना काफी पावन महीना माना जाता है। इस पूरे महीने में मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस साल सावन महीने की शुरुआत सोमवार, 22 जुलाई से हुई थी। कहते हैं सावन के महीने में शिवजी की पूजा करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति सावन के महीने में सोमवार का व्रत करता है वह पूरे सोलह सोमवार के व्रत के समान माना जाता है।

वहीं, अगर आप ये जानना चाहते हैं कि सावन का महीना किस दिन खत्म हो रहा है तो चलिए हम यहां आपको बताते हैं साथ ही जानते हैं कि सावन का आखिरी सोमवार किस डेट को पड़ेगा और इस दिन आप किसी पूजा विधि के साथ शिवजी की आराधना कर सकते हैं।

कब खत्म होगा सावन 2024? (Kab Khatam Hoga Sawan 2024)

इस साल सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हुई थी। वहीं, सावन महीने की समाप्ति श्रावण पूर्णिमा के दिन होती है। ऐसे में सावन महीने का समापन 19 अगस्त की रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। सावन महीने की समापन तारीख की खास बात ये है कि इस दिन सोमवार पड़ रहा है। यानी कि सावन महीने के आखिरी दिन भक्त सोमवार का व्रत कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप सावन के महीने के आखिरी सोमवार के दिन शिवजी के लिए व्रत करने जा रहे हैं तो आपको यहां दी गई पूजा विधि जरूर नोट कर लेनी चाहिए।

सावन 2024 सोमवार पूजा विधि (Sawan 2024 Somwar Puja Vidhi)

  • इस साल सावन महीने के आखिरी दिन सोमवार पड़ रहा है। इसलिए ये दिन भगवान शिव की पूजा के लिए बेहद खास है।
  • इस दिन सुबह जल्द उठकर स्नानादि करें और सफेद रंग के साफ वस्त्र पहनें।
  • इसके बाद महादेव और मां पार्वती का ध्यान करें और सच्चे मन से सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • अब घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और इस गंगाजल से शुद्ध करें।
  • इसके बाद जल में गंगाजल, दूध, दही, घी आदिर चीजें मिलाकर शिवलिंग व भगवान शिव की प्रतिमा का भिषेक करें और व्रत का संकल्प लें।
  • अब भोलेनाथ को फूल, फल, बेलपत्र, अक्षत समेत आदि चीजें अर्पित करें।
  • शिवजी के समीप घी का दीपक और धूप जलाएं और आरती करें।
  • इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करना बिल्कुल न भूलें।
  • पूजा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती को फल, मिठाई, खीर, हलवा, दही और दूध का भोग लगाएं। जिसे बाद में आप प्रसाद के रूप में वितरित कर सकते हैं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 13:10 IST, August 14th 2024