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Published 18:35 IST, August 2nd 2024

Ram-Lakshman: राम-रावण युद्ध में शबरी के बेर आए काम, ऐसे बचाई थी लक्ष्मण की जान

Ramayana story in hindi: क्या आप जानते हैं कि युद्ध भूमि में लक्ष्मण की जान शबरी के बेर के माध्यम से बची थी। जी हां, जानते हैं इससे जुड़ी कथा के बारे में…

shabari ber
shabari ber | Image: social media

Ramayana story in hindi: रामायण में ऐसे तो बहुत किस्से मिलते हैं लेकिन उन्हीं में से एक किस्सा है शबरी के झूठे बेर खिलाने का। कहते हैं कि माता शबरी ने श्री राम और लक्ष्मण को अपने झूठे बेर खाने को दिए थे। वहीं वो बेर श्री राम ने तो खा लिए परंतु लक्ष्मण जी ने नहीं खाए थे। ऐसे में उन्हीं बेरों ने लक्ष्मण जी की जान युद्ध के दौरान बचाई थी। 

क्या है इस किस्से की पूरी सच्चाई? आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि शबरी के बेर के पीछे कौन सा किसका प्रचलित है। पढ़ते हैं आगे… 

शबरी के बेर ने कैसे बचाई थी लक्ष्मण की जान? 

मान्यताओं के अनुसार, माता शबरी न जानें कितने वर्षों से भगवान श्री राम की राह देख रही थीं। ऐसे में जब वे आए तो शबरी ने श्री राम के सामने झूठे बेर रखे। श्री राम ने उन बेरों को बड़े प्रेम से खाया लेकिन जब उन्होंने बेरों की तुलना माता सीता द्वारा बनाए गए मिष्ठानों से की तो यह बात लक्ष्मण जी को बिल्कुल पसंद नहीं आई। ऐसे में उन्होंने उन बेरों को हाथ भी नहीं लगाया और जब श्री राम ने लक्ष्मण जी से कहा कि तुम बेर खाओ तो लक्ष्मण जी ने श्री राम के हाथों से बेर लेकर उनकी नजरों से बचाकर इतनी दूर फेंके कि वे द्रोणगिरी पर्वत पर जाकर गिरे। 

मेघनाथ और लक्ष्मण का युद्ध हुआ तो युद्ध के दौरान शक्ति लगने के कारण लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए और संजीवनी बूटी लेने के लिए हनुमान जी द्रोणगिरी पर्वत पर लेने गए। ऐसे में वही बेर जो द्रोणागिरी पर्वत पर फेंके थे उन्होंने बूटी बनकर लक्ष्मण जी को बचाया। जब यह घटना घटित हुई तो उसके बाद श्री राम ने लक्ष्मण को प्रेम भक्ति के भाव को समझाया था और इसकी महिमा भी बताई थी।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 18:35 IST, August 2nd 2024