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Published 12:39 IST, December 23rd 2024

कौन करता था रावण को रात मे तंग? जिसके लिए रामजी को लिखना पड़ा पत्र

Ramayan Story in hindi: रावण ने श्रीराम को पत्र लिखा और अपनी परेशानी के बारे में बताया। जब रामजी को पता चला कि तो उन्होंने उसे दूर कर दिया।

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कौन करता था रावण को रात मे तंग? जिसके लिए रामजी को लिखना पड़ा पत्र | Image: social media

Ramayan Story in hindi: भगवान श्री राम और रावण के बीच हुए युद्ध को आज भी याद किया जाता है। वो एक ऐसा युद्ध था, जिसने हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का पाठ पढ़ाया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री राम की सेना में एक ऐसा वानर था जो बेहद शक्तिशाली था। वह अपनी शक्तियों के लिए ही जाना जाता था। लेकिन वह बेहद उत्पाति भी था। ऐसे में उसने रावण को बेहद परेशान करके रखा था, जिससे पीछा छुड़ाने के लिए रावण ने श्री राम को पत्र लिखा। उसके बाद श्री राम ने कुछ ऐसा किया जो शायद ही कोई और ना करता। ऐसे में पूरी कथा के बारे में पता होना जरूरी है।

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि रावण ने श्री राम को पत्र लिखकर क्या कहा और श्री राम ने उसके बाद क्या किया। पढ़ते हैं आगे…

रावण ने क्यों लिखा श्रीराम को पत्र?

हम इस लेख में बात कर रहे हैं द्वीत की, जिससे द्विविद के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि वो वानर कोई और नहीं बल्कि सुग्रीव के मंत्री मैंदा का भाई था। महान शक्तिशाली और भयंकर, दोनों भाइयों में दस हजार हाथियों का बल था। ये दोनों किष्किंधा की एक गुफा में रहते थे। जब श्री राम की सेना का गठन हुआ तो इन्हें भी सेना में शामिल किया।

राम और रावण का युद्ध दिन में चलता था। ऐसे में रात्रि में रावण भगवान शिव की आराधना करता था। उस वक्त चुपचाप वो वानर लंका में घुसकर उनकी आराधना में खलल डालता था। ऐसे में रावण परेशान हो गया, तब रावण ने श्रीराम को पत्र लिखा कि तुम्हारी सेना का एक वानर रात में मेरी शिव पूजा में खलल डालता है। जब शाम के बाद युद्ध समाप्त हो जाता है तो फिर ऐसा क्यो? ये युद्ध के नियमों के विरुद्ध है इसे रोकिए। 

यह पत्र पढ़कर श्री राम ने आंखें बंद कर सब कुछ पता लगा लिया और उसे अपने पास बुलाकर समझाया। परंतु वह वानर नहीं माना तो ऐसे में श्री राम ने किष्किंधा गुफा में उसे वापस भेज दिया। वानर को लगा कि हनुमान और सुग्रीव ने इसकी शिकायत की। ऐसे में उसके मन में शत्रुता आ गई। लंबी उम्र के कारण वो वानर महाभारत काल तक पहुंचा। उसका युद्ध बलराम और हनुमान जी से हुआ तो बलराम ने उसका वध कर दिया।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 13:00 IST, December 23rd 2024