Published 10:08 IST, December 28th 2024
मां सीता की खीर बनाई रस्म में क्यों डरे ससुर दशरथ? एक वचन ने बचा लिया रावण को
Ramayan Katha in Hindi: माता सीता ने राजा दशरथ को अपनी खीर बनाई की रस्म के बाद एक वचन दिया था, जिसके कारण बाद में रावण की जान बची। जानते हैं...
Ramayan Katha in Hindi: रामायण में कई ऐसे पात्र थे, जिनका जिक्र आज तक किया जाता है। माता सीता, श्री राम और लक्ष्मण के अलावा राजा दशरथ, रावण, कैकयी आदि भी थे, जिनके बारे में हम आज तक बात करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता सीता ने राजा दशरथ को एक वचन दिया था? जी हां, वह वचन उन्होंने खीर खिलाई के बाद दिया था, जिसके कारण ही रावण माता सीता के क्रोध से बच पाया था। ऐसे में ये जानना तो जरूरी है कि माता सीता ने राजा दशरथ को क्या वचन दिया और रावण का इस वचन से क्या संबंध था।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता सीता ने राम जी को क्या वचन दिया था। पढ़ते हैं आगे...
क्या था वो वचन जिसने बचाई रावण की जान…
माता सीता विवाह के बाद जब अपने ससुराल आईं तो उन्होंने खीर बनाई। ऐसे में उन्होंने राजा दशरथ के साथ-साथ सभी परिवारवालों और ऋषियों को भी बुलाया। खीर परोसने के बाद तेज हला चली, जिसके कारण सब अपने पत्तलों को संभालने लगे। उस वक्त राजा दशरथ के पत्तल में एक घास का टुकड़ा आ गया।
माता सीता ने वो टुकड़ा देख लिया था लेकिन वो कह नहीं पा रही थीं। ऐसे में उन्होंने अपनी आंखों से घास को देखा और वह घास का टुकड़ा हवा में उड़ता हुआ भस्त हो गया। ये चमत्कार किसी ने नहीं देखा। पर राजा दशरथ ने सब देखा और वो थोड़ा डर भी गए। वो समझ गए कि माता सीता कोई आम महिला नहीं हैं।
ऐसे में खीर बनाई रस्म के बाद माता सीता को राजा दशरथ ने अपने कक्ष में बुलाया। ऐसे में राजा दशरथ ने ये बताया कि उन्होंने चमत्कार देख लिया था। उन्होंने माता सीता से वचन मांगा कि जैसे आज तुमने उस घास के टुकड़े को देखा है वैसे तुम किसी और को नहीं देखना। माता सीता ने वचन दे दिया।
यही कारण था कि माता सीता अशोक वाटिका में रहने के दौरान रावण से सीधे तौर पर बात नहीं करती थीं बल्कि घास के टुकड़े का इस्तेमाल करती थीं।
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Updated 10:10 IST, December 28th 2024