sb.scorecardresearch

पब्लिश्ड 22:17 IST, August 15th 2024

Putrada Ekadashi Niyam: कल रखा जाएगा सावन माह का आखिरी एकादशी व्रत, जान लें पूजा विधि और नियम

Putrada Ekadashi 2024: सावन माह की पुत्रदा एकादशी बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में इस दिन की पूजा विधि और नियमों के बारे में जान लेना जरूरी है।

Ekadashi 2024
पुत्रदा एकादशी 2024 नियम और पूजा विधि | Image: unsplash

Putrada Ekadashi 2024 Vrat Niyam: हिंदू धर्म में एकादशी का बेहद खास महत्व माना जाता है। साल में 24 और महीने में 2 बार यह तिथि आती है और सभी एकादशियों का महत्व अलग-अलग होता है। वहीं इन्हीं में से साल में एक बार आने वाली पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) का नाम भी शामिल हैं, जो बहुत ही खास होती है और सावन माह की आखिरी एकादशी होती है। ऐसे में इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है, लेकिन इस व्रत में कुछ नियमों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2024) पर किन नियमों का पालन करना जरूरी होता है और पूजा विधि क्या है?

हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि पर पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 15 अगस्त 2024 दिन गुरुवार की सुबह 10 बजकर 26 मिनट से हो रही है, जिसका समापन 16 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार की सुबह 9 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में सावन माह की आखिरी यानी पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2024) का व्रत 16 अगस्त दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।

पुत्रदा एकादशी पर किस विधि से करें पूजा? (Putrada Ekadashi Puja Vidhi)

  • पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पहले नहा-धोकर सूर्य देव को जल चढ़ाएं और फिर व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कर उस जगह को पवित्र करें। फिर पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी पर विष्णु जी की मूर्ति पूर्व दिशा में स्थापित करें।
  • दाएं ओर कलश पर मौली बांधकर उसे स्थापित करें। उस पर लाल कपड़ा बांधें और उसकी पूजा करें।
  • इसके बाद विष्णु जी का पंचामृत, गंगाजल से अभिषेक करें, फिर पीले वस्त्र पहनाएं। इसके बाद हल्दी, कुमकुम, चंदन, इत्र आदि पूजन सामग्री अर्पित करें।
    मीठे का भोग लगाएं, उसमें तुलसीदल जरुर रखें और बाद में पुत्रदा एकादशी की कथा सुनें।
  • आखिरी में आरती करें और फिर जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र आदि का दान करें।
  • दूसरे दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और शुभ मुहूर्त में व्रत खोलें।

सावन की आखिरी एकादशी पर इन नियमों का करें पालन (Putrada Ekadashi Niyam)

  • पुत्रदा एकादशी व्रत साल में एक बार पड़ने वाली एकादशी है, जो बेहद ही खास होती है खासकर जो लोग पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं। उनके लिए ये व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इसके कुछ नियम होते हैं आइए जानते हैं इसके बारे में.…
  • पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन व्रती को सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। इस दिन दोपहर और रात में भी जागरण करें। विष्णु जी की भक्ती में लीन रहें।
  • एकादशी के दिन मन और कर्म से शुद्धता बनाए रखें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • इस दिन किसी को अपशब्द न बोलें, मन में भी बुरे विचार न लाएं, क्रोध न करें।
  • एकादशी व्रत के दिन चावल खाना और बनाना दोनों वर्जित हैं। इससे पाप के भागी बनते हैं।
  • पुत्रदा एकादशी के दिन घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। व्रती को निराहार व्रत रखकर पूजा करनी चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दिन तुलसी में जल न चढ़ाएं। इस दिन तुलसी माता विष्णु जी के लिए निर्जल व्रत रखती हैं।

यह भी पढ़ें… Raksha Bandhan Niyam: रक्षाबंधन पर कहीं आप तो नहीं करती हैं ये गलतियां? जाने राखी बांधने का सही नियम

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 22:17 IST, August 15th 2024