sb.scorecardresearch
Advertisement

Published 07:09 IST, April 21st 2024

Pradosh Vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Ravi Pradosh Vrat 2024: अगर आप आज प्रदोष व्रत करने जा रहे हैं तो आपको पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में जान लेना चाहिए।

shiv
रवि प्रदोष व्रत 2024 | Image: Pixabay
Advertisement

Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भक्त विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा अर्चना करते हैं। माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से प्रदोष व्रत करता है उस पर भोलेनाथ की कृपा हमेशा बनी रहती है।

वहीं, अप्रैल माह का दूसरा प्रदोष व्रत आज यानी रविवार, 21 अप्रैल को रखा जा रहा है। जिस कारण इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा है। ऐसे में अगर आप भी आज प्रदोष व्रत रखने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इस दिन की पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में जान लेना चाहिए।

प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त  (Pradosh Vrat Muhurat)

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का 20 अप्रैल की रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 22 अप्रैल को रात 01 बजकर 11 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में 21 अप्रैल के दिन प्रदोष व्रत किया जा रहा है। रवि प्रदोष व्रत के दौरान भक्त शाम 06 बजकर 51 मिनट से 09 बजकर 02 मिनट तक किसी भी समय में शिव जी की पूजा कर सकते हैं। ये समय पूजा के लिए सबसे शुभ रहेगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
  • इसके बाद स्वच्छ या नए कपड़े पहनें।
  • भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • अब घर में मंदिर की साफ-सफाई करके एक चौकी स्थापित करें।
  • इस चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर शिव जी की मूर्ति की स्थापना करें।
  • इसके बाद शिव जी की पूजा करें और बाहर मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
  • इस दिन भगवान शिव को बेल पत्र, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य आदि जरूर अर्पित करें।
  • अब प्रदोष काल मुहूर्त के समय विधिवत अनुसार भगवान शिव की पूजा करें और प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें।
  • इसके बाद शिवजी के बीज मंत्र 'ऊँ नमः शिवाय' का 108 बार जाप करें।
  • शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में शिव-गौरी समेत सभी देव-देवताओं की आरती उतारें और उनका आशीर्वाद लें। 

ये भी पढ़ें: Ravivar Vrat: सूर्य देव की कृपा पाने के लिए रखा जाता है रविवार का व्रत, जानें पूजा विधि और नियम

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

07:09 IST, April 21st 2024