Published 17:08 IST, December 14th 2024
नंदी जी के कान में क्यों बोलते हैं मनोकामना? जानें किस कान की है मान्यता
Why do people whisper in Nandi's ear? नंदी जी के कौन से कान में बोलना चाहिए? जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
In which ear of nandi we should speak: शिव जी के भक्त न केवल शिव जी के मंदिर जाते हैं बल्कि शिवलिंग को जल भी चढ़ाते हैं। लेकिन क्या कभी आपने नोटिस किया है कि लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद अपनी इच्छाएं नंदी के कान में जरूर बोलते हैं। जी हां, इसके पीछे एक कारण छिपा है। वहीं नंदी के किस कान में अपनी इच्छाएं बोलनी चाहिए, इसके बारे में भी पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि नंदी जी के कानों में अपनी इच्छा को क्यों बोला जाता है। साथ ही इसके नियमों के बारे में भी जानना जरूरी है। पढ़ते हैं आगे...
नंदी के कान में क्यों बोला जाता है?
बता दें कि भगवान शिव हमेशा तपस्या में लीन रहते हैं। ऐसे में नंदी इस बात का ख्याल रखते हैं कि कोई भी उनकी तपस्या को भंग न करे। यही कारण है जो भी भगवान शिव के पास अपनी परेशानी लेकर आता है नंदी उन्हें रोक लेते हैं, जिससे कि भगवान शिव की तपस्या भंग ना हो सके। ऐसे में लोग नदी को अपनी परेशानी बताते हैं और नंदी भगवान शिव तक उनकी परेशानी पहुंचाते हैं। यही कारण है कि आज भी नंदी के कानों में अपनी परेशानी या इच्छाएं बताई जाती हैं और ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव तक उनकी परेशानी पहुंच जाए।
कहते हैं कि भगवान शिव ने नंदी को वरदान दिया है कि जो भी उनके कान में आकर अपनी मनोकामना कहेगा उसकी सारी इच्छाएं पूरी होंगी। बता दें कि व्यक्ति को नंदी के बाएं कान में मनोकामना कहनी चाहिए। हालांकि वे किसी भी कान में अपनी इच्छाएं कह सकते हैं। आप अपनी इच्छाएं इतनी धीरे बोलें कि किसी अन्य को आपकी इच्छा सुनाई न दे।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 17:08 IST, December 14th 2024