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Published 08:07 IST, September 10th 2024

Mathura: ललिता जी के अभिषेक के साथ राधाष्टमी पर्व शुरू, झूमे लाडली जी के भक्त

मथुरा में राधाष्‍टमी पर्व की शुरुआत हो गयी और बुधवार तड़के बरसाना के श्री लाडली जी (राधारानी) मंदिर में यशोदा नंदन श्रीकृष्‍ण की आल्हादिनी शक्ति राधारानी का प्राकट्य होगा।

 Krishna Janmashtami In Mathura
Radha Ashtami festival | Image: ANI

उत्तर प्रदेश के मथुरा में सोमवार को राधाष्‍टमी पर्व की शुरुआत हो गयी और बुधवार तड़के बरसाना के श्री लाडली जी (राधारानी) मंदिर में यशोदा नंदन श्रीकृष्‍ण की आल्हादिनी शक्ति राधारानी का प्राकट्य होगा। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक ब्रज की महारानी राधा रानी का जन्मोत्सव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में भव्य और दिव्य रूप में मनाया जाएगा तथा इस दौरान राधा रानी पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जायेगी।

ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण के भव्य दिव्य जन्मोत्सव के बाद अब राधा रानी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं और 11 सितंबर को ब्रह्म मुहूर्त में राधा रानी का विशेष महाभिषेक किया जायेगा। उन्हें एक सोने की पालकी पर विराजमान कराया जाएगा, ताकि भक्तगण सफेद छतरी के नीचे से उनके दर्शन कर सकें।

शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा रानी जन्मोत्सव मनाते हैं…

इस दौरान राधा रानी पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जायेगी। वहीं, राधा अष्टमी पर श्रद्धालु रोप- वे से दर्शन को मंदिर पहुंचेंगे। ब्रज में जिस भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है, उसी तरह से उनकी आल्हादिनी शक्ति श्री राधा रानी का जन्मोत्सव भव्य और दिव्य रूप में मनाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के 15 दिन बाद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

राधाष्‍टमी पर्व की सोमवार को शुरुआत के तहत ऊंचागांव स्थित ललिता अटा अटोर नामक पहाड़ी पर बने भव्य ललिता मंदिर में दोपहर 12 बजे ललिताजी का अभिषेक कराया गया, जहां दर्शन को भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। दोपहर में मंदिर के सेवायतों ने ललिता जी के श्रीविग्रह को घी, दूध, दही, शहद, बूरा, केसर, जटामासी, चंदन चूरा, नागर मोथा, अगर-तगर, पंच-मेवा, गुलाब-जल, इत्र, गौघृत आदि का पंचामृत तैयार कर अभिषेक कराया।

ब्रजाचार्य ललिता पीठ के पीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णनंद तैलंग व घनश्याम भट्ट ने बताया कि अभिषेक के समय मंदिर में घण्टे-घड़ियाल बज रहे थे। ललिता सखी व राधारानी के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा था। इस दौरान गुर्जर समुदाय के लोगों ने लोकनृत्य प्रस्तुत किया। मंदिर में जन्म के बधाई गीत गाए गए।

मथुरा के जिलाधिकारी (डीएम) शैलेंद्र कुमार सिंह एवं वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि अब बुधवार सुबह तड़के चार बजे बरसाना के श्री लाडली जी (राधारानी) मंदिर में राधारानी का जन्माभिषेक सम्पन्न होगा, जिसे सकुशल एवं सुरक्षित वातावरण में सम्पन्न कराने के लिए ढाई हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि बरसाना के पूरे मेला परिसर को सात जोन व 16 सेक्टरों में बांटकर पुलिस बलों की तैनाती की गई है। मेला क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के लिए 48 पार्किंग स्थल व 46 अवरोधक लगाए गए हैं। निगरानी के लिए 52 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं जिन पर 24 घंटे निगरानी की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि वैसे तो बरसाना में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु श्रीराधा रानी के दर्शन करने आते हैं। लेकिन इस मौके पर 15 से 25 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद की जा रही है। श्रद्धालु प्रिया कुंड, सुदामा चौक, पीली कोठी तिराहा, राधा रानी मंदिर गेट, यादव मोहल्ला तिराहा से होते हुए दर्शन के लिए राधारानी के मंदिर पहुंचते हैं।

राधारानी मंदिर में भीड़ नियंत्रित रहे, इसके लिए श्रद्धालुओं को 50-50 की टुकड़ियों में प्रवेश दिया जाएगा तथा भीड़ की अधिकता होने के कारण गहवरवन की परिक्रमा प्रतिबंधित रहेगी। सभी श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर की पुरानी सीढ़ियों से ही कराया जाएगा तथा बुजुर्ग दर्शनाथियों के लिए मंदिर जाने की व्यवस्था अलग रास्ते से की गई है।

उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिवहन विभाग मथुरा, गोवर्धन, छाता व कोसीकलां आदि की ओर से बरसाना जाने वाले मार्गों पर 140 बसों का संचालन कर रहा है। मंगलवार की सुबह से ही भक्तों का बरसाना में तांता लगना शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस राधा अष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक जाने के लिए रोप-वे की सुविधा विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी, जिससे वृद्ध, अशक्त, महिलाएं एवं बच्चे आदि कुछ सुविधा का लाभ उठाते हुए कुछ ही मिनटों में 600 फुट की ऊंचाई वाले मंदिर तक आसानी से पहुंच सकेंगे।

अधिकारियों ने बरसाना पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने साथ कम से कम सामग्री लाएं। कोशिश करें कि दिव्यांग, वृद्ध एवं छोटे बच्चों आदि अशक्तजनों को साथ लेकर न आएं। धक्का-मुक्की न करें। बरसाना में राधा रानी का दरबार है यहां मुख्य आयोजन किया जाता है। रावल में राधा रानी प्रकट हुई और वृंदावन में उन्होंने रास रचाया। यही वजह है कि तीनों जगह राधा रानी की विशेष आराधना की जाती है।

सेवायत दीपक गोस्वामी ने बताया कि 11 सितंबर की रात्रि दो बजे मंदिर परिसर में मंगल बधाई गायन शुरू हो जाएगा। यहां ब्रह्म मुहूर्त में पहले मूल शांति की पूजा होगी। उसके बाद 27 कुओं का जल, ब्रज के 27 स्थानों की रज, 27 तरह के वृक्षों के पत्ते और 108 तरह की जड़ी बूटियों के मिश्रित जल से महाभिषेक किया जाएगा। इसके बाद 11 कुंतल पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से महाभिषेक होगा। यह महाभिषेक 11 घड़ों से किया जाएगा जिसमें से एक में 27 छेद होंगे। राधा रानी के जन्मोत्सव के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के द्वारा बरसाना धाम को सजाया और संवारा जा रहा है। यहां पहली बार कोलकाता के कारीगरों द्वारा आकर्षक लाइट लगाकर 51 द्वार बनाए जा रहे हैं। जिसमें राधा रानी की विभिन्न लीला के दर्शन होंगे।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 08:07 IST, September 10th 2024