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पब्लिश्ड 09:53 IST, January 7th 2025

Mahakumbh 2025: किस दिन से शुरू होगा महाकुंभ? नोट करें मुख्य स्नान की तारीख और महत्व

Mahakumbh 2025: इस साल जनवरी महीने में महाकुंभ की शुरुआत हो रही है, ऐसे में आपको मुख्य स्नान की तिथियां नोट कर लेनी चाहिए।

Five interesting things you can do besides taking a dip in holy water at Maha Kumbh Mela 2025.
महाकुंभ 2025 | Image: FreePik

Kumbh Mela 2025: इस साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा। हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह मेला एक खास धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है और इसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। साल 2025 में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से होगी और यह 26 फरवरी तक चलेगा। कुंभ मेला विशेष रूप से त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती) में स्नान करने के लिए प्रसिद्ध है और माना जाता है कि यहां स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य मिलता है।

महाकुंभ 2025 की प्रमुख स्नान तिथियां और उनका महत्व (Mahakumbh 2025 Snaan ka mahatav)

महाकुंभ के दौरान हर दिन स्नान करने से पुण्य लाभ मिलता है, लेकिन कुछ खास दिन होते हैं, जिन्हें "शाही स्नान" कहा जाता है। शाही स्नान के दौरान विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत अपने अनुयायियों के साथ भव्य रैलियां निकालते हैं और संगम में गंगा स्नान करते हैं। यह दिन विशेष रूप से पुण्य लाभ देने वाले माने जाते हैं।

महाकुंभ 2025 में शाही स्नान की तिथियां (Mahakumbh 2025 Shahi Snaan ki Date)

  • 13 जनवरी 2025: पौष पूर्णिमा
  • 14 जनवरी 2025: मकर संक्रांति
  • 29 जनवरी 2025: मौनी अमावस्या
  • 03 फरवरी 2025: बसंत पंचमी
  • 12 फरवरी 2025: माघी पूर्णिमा
  • 26 फरवरी 2025: महाशिवरात्रि

महाकुंभ का महत्व (Mahakumbh 2025 ka mahatav)

महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और इसे चार प्रमुख स्थानों पर मनाया जाता है। प्रयागराज (संगम), हरिद्वार (गंगा नदी), उज्जैन (शिप्रा नदी) और नासिक (गोदावरी नदी) इन चार तीर्थ स्थलों पर महाकुंभ का आयोजन होता है। महाकुंभ के दौरान जो लोग शाही स्नान करते हैं, उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। खास बात यह है कि शाही स्नान के दिन साधु-संतों के स्नान के बाद ही सामान्य लोग स्नान कर पाते हैं, तब उनका पुण्य और लाभ अधिक होता है। इस प्रकार, महाकुंभ मेले का आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति और शांति का बेहतरीन अवसर भी है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 09:53 IST, January 7th 2025