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पब्लिश्ड 22:06 IST, December 6th 2024

कुत्ते आज भी भुगत रहे हैं द्रौपदी का श्राप, युधिष्ठिर के जूते से जुड़ा है किस्सा

Draupadi Curse to Dogs In Hindi: द्रौपदी ने कुत्ते को श्राप क्यों दिया था? जानते हैं इस लेख के माध्यम से...

draupadi curse to dogs
draupadi curse to dogs | Image: freepik

महाभारत काल में द्रौपदी ने कई ऐसी श्राप दिए जिन्हें आज तक लोग भुगत रहे हैं। उन्हीं में से एक श्राप द्रौपदी ने कुत्तों की प्रजाति को भी दिया था। जी हां सुनने में बेहद अजीब है लेकिन कुत्तों को भी द्रौपदी द्वारा श्राप मिला हुआ है, जिसे वे आज भी भुगत रहे हैं। ऐसे में आज का हमारा लेख इसी विषय पर है।

आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कौन सा श्राप द्रौपदी द्वारा कुत्तों को लगा, जिससे वे आज भी गुजर रहे हैं। पढ़ते हैं आगे... 

द्रौपदी ने कुत्तों को क्या श्राप दिया?

महाभारत कथा के अनुसार, द्रौपदी के स्वयंवर में अर्जुन ने जीत हासिल की। तब वे द्रौपदी को सभी पांडवों सहित कुंती के पास आशीर्वाद दिलवाने गए। उस समय माता कुंती भोजन पकाने में व्यस्त थीं, ऐसे में उन्होंने बिना देखे बोल दिया कि जो भी लाए हो उसे आपस में बाट लो। माता की बात का मान रखते हुए द्रौपदी 5 पांडवों की पत्नी बन गई। इसी कारण वह पांचाली कहलाईं।

अब उन्हें पांच पतियों के साथ मर्यादा का पालन करना था। ऐसे में उन्होंने एक रास्ता निकाला कि जब भी कोई भाई उनके कक्ष में जाए तो वह अपना जूता उनके कक्ष के बाहर निकाले, जिससे कि जब दूसरा भाई उनके पक्ष में प्रवेश करें तो वह जूता देखकर रुक जाए। ऐसे में सभी ने उस मर्यादा का पालन किया।

एक बार युधिष्ठिर द्रौपदी से मिलने उनके कक्ष में गए तभी द्रौपदी के कक्ष में अर्जुन ने भी प्रवेश किया। उस वक्त द्रौपदी और युधिष्ठिर को साथ देख अर्जुन को लज्जा महसूस होने लगी। वहीं युधिष्ठिर और द्रौपदी को भी लज्जा का सामना करना पड़ा। ऐसे में जब अर्जुन बाहर निकल आए तो उनके पीछे-पीछे द्रौपदी और युधिष्ठिर भी आए।

तब द्रौपदी ने अर्जुन से पूछा कि क्या तुमने युधिष्ठिर का जूता नहीं देखा तो अर्जुन ने मना कर दिया। इसके बाद द्रौपदी और पांडव जूता ढूंढने लगे। वह जूता एक कुत्ते के पास मिला जो उसके साथ खेल रहा था। ऐसे में द्रौपदी ने कुत्ते को श्राप दिया कि उसे कल्युग में धुतकारा जाएगा और दर-दर भटकना पड़ेगा।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

अपडेटेड 22:06 IST, December 6th 2024