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Published 20:13 IST, October 30th 2024

Diwali 2024: गणेश जी का मां लक्ष्मी से क्या है रिश्ता? क्यों होती है Diwali पर दोनों की साथ में पूजा

Diwali के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का विधान है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका रिश्ता क्या है और इस दिन इन दोनों की साथ में पूजा क्यों की जाती है?

Laxmi ganesh puja
मां लक्ष्मी और गणेश जी का रिश्ता क्या है? | Image: Freepik

What relationship between Goddess Lakshmi and Ganesh ji: इस साल 31 अक्टूबर को पूरे देशभर में दिवाली ( Diwali 2024) का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है, इस खास दिन पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली के मौके पर माता लक्ष्मी के साथ गणेश (Ganesh Ji) जी की ही पूजा क्यों की जाती है और इनका संबंध क्या है? नहीं तो चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि माता लक्ष्मी और गणेश भगवान का रिश्ता क्या है और दिवाली (Diwali) पर इनकी साथ में पूजा क्यों की जाती है।

दरअसल, ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि माता लक्ष्मी गणेश भगवान की पत्नी है और इसलिए दिवाली के दिन इनकी साथ में पूजा की जाती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर आपको भी यही लगता है कि तो चलिए आपको इसकी बारे में सही जानकारी देते हैं।

मां लक्ष्मी और गणेश जी का क्या है रिश्ता?

ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि माता लक्ष्मी और गणेश भगवान के बीच पति-पत्नी का संबंध है, लेकिन शास्त्रों के मुताबिक ये बिल्कुल गलत है। बल्कि मां लक्ष्मी गणेश भगवान की माता समान हैं। ऐसे में दोनों के बीच माता और पुत्र का रिश्ता है। वहीं अगर बात करें दिवाली पर दोनों की साथ में पूजा की तो इसके पीछे एक कथा है। आइए उसके बारे में जानते हैं।

दिवाली पर क्यों की जाती है मां लक्ष्मी (Laxmi) और भगवान गणेश (Ganesh) की साथ में पूजा?

पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार माता लक्ष्मी को इस बात का अभिमान/घमंड हो गया कि लोग धन-धान्य के लिए उनकी पूजा और उपाय करते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के जतन करते हैं। तब भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी के इस अहंकार को तोड़ने के लिए कहा कि धन की देवी होने के बाद आप अपूर्ण हैं। इसपर माता लक्ष्मी ने इसका कारण पूछा, जिसके उत्तर में श्रीहरि ने कहा कि एक स्त्री तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक वह मातृत्व का सुख प्राप्त न कर लें। विष्णु जी की यह बात सुनकर माता लक्ष्मी के दिल को बहुत ही ज्यादा ठेस पहुंचीं। जिसके बाद वह माता पार्वती के पास पहुंचीं और अपना दुख उनके सामने प्रकट किया।

मां लक्ष्मी ने माता पर्वती से अपनी पीड़ा कहते हुए कहा कि हे माते आपके पास तो दो-दो पुत्र हैं ऐसे में आप मुझे गणेश को दत्तक पुत्र के रूप में देने के कृपा करें। लक्ष्मी जी की ये बात सुनकर माता पार्वती चिंतत हो गईं। वहीं उनकी उनकी इस चिंता को मां लक्ष्मी ने भांप लिया और उन्होंने कहा कि मैं गणेश को यह वरदान देती हूं कि जहां भी मेरी पूजा की जाएगी, वहां गणेश भी मेरे साथ पूजे जाएंगे। तभी से हमेशा मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा होने लगी है। वहीं दिवाली के खास मौके पर दोनों की साथ में पूजा का खास महत्व माना जाने लगा।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 20:13 IST, October 30th 2024