Advertisement

अपडेटेड 5 November 2024 at 13:05 IST

Chhath Puja 2024: छठ महापर्व शुरू, जानिए पूरे 4 दिनों का कार्यक्रम

Chhath Puja 2024: नहाय-खाय के साथ आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। आइए जानते हैं कि छठ के बाकि तीन दिनों का कार्यक्रम क्या होगा।

Reported by: Kajal .
Follow: Google News Icon
Advertisement
Chhath Puja
छठ पूजा 2024 | Image: Pinterest

Chhath Puja 2024: देशभर में छठ पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत आज से हो रही है। छठ पर्व से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। हालांकि इस त्योहार को मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।

इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा किए जाने का विधान है। माना जाता है कि छठ का व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और उसकी सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस साल छठ महापर्व 5 नवंबर से 8 नवंबर तक मनाया जाएगा। जिसकी शुरुआत आज पहले दिन नहाए-खाए के साथ हो चुकी है। आइए जानते हैं कि चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में किस दिन क्या किया जाता है।

पहला दिन नहाय-खाय से होता है शुरू (मंगलवार, 5 नवंबर 2024)

इस दिन व्रती गंगा नदी या किसी पवित्र तलाब में स्नान करते हैं और सूर्यदेव को जल अर्पित करके व्रत का संकल्प लेते हैं। इसके बाद अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी आदि शुद्ध प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत की शुरुआत करते हैं।

दूसरे दिन होता है खरना (बुधवार, 6 नवंबर 2024)

छठ पूजा के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है। जो कार्तिक शुक्ल पंचमी के दिन पड़ता है। इस दिन व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद मुख्य रूप से गुड़ से बनी खीर और रोटी का होता है। खरना के बाद व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास का संकल्प लेते हैं। इसके बाद वह अन्न या जल की एक बूंद भी ग्रहरण नहीं करते हैं।

तीसरे दिन संध्या अर्घ्य (गुरुवार, 7 नवंबर 2024)

छठ महापर्व के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन व्रती विशेष तौर पर सजाए गए छठ घाट पर जाते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।

चौथे यानी आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य (शुक्रवार, 8 नवंबर 2024)

छठ पूजा के आखिरी दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन किया जाता है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने से व्रती अपने परिवार के लिए दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: 'छठी मैया' की आरती के बिना अधूरी है छठ पूजा, जरूर करें पाठ

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

पब्लिश्ड 5 November 2024 at 13:05 IST