Published 21:56 IST, April 17th 2024
kalash Visarjan Vidhi: नवरात्रि के बाद कलश के पानी और नारियल का क्या करें? कैसे करें विजर्सन
Navratri की शुरुआत में कलश स्थापना की जाती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसके बाद कलश (Kalash) और नारियल का क्या करना चाहिए।
Navratri Kalash Jal Aur Nariyal Ka Kya Kare: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत ही खास महत्व माना जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व की शुरुआत चैत्र और शारदीय माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है, जिसका समापन नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ होता है। इन पवित्र दिनों की शुरुआत कलश स्थापना से की जाती है। ऐसे में हर किसी के मन में होता है कि नवरात्रि के समापन के बाद कलश और इसके ऊपर रखे जाने वाले नारियल का क्या करें।
चैत्र हो या फिर शारदीय दोनों ही नवरात्रि में कलश स्थापना की जाती है। साथ ही अखंड ज्योत भी जलाई जाती है। जिसके बाद पूरे नौ दिनों तक मां भगवती के अलग-अलग स्वरुपों की विधिवत पूजा की जाती है। फिर नवमी तिथि पर नवरात्रि का समापन होता है। ऐसे में कलश, कलश के पानी, नारियल और अखंड ज्योति को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं, कि इनका विसर्जन कैसे किया गया या इन सभी चीजों का क्या करें। आज आपके इन्हीं सवालों के जवाब इस आर्टिकल में देने जा रहे हैं।
नवमी के बाद कलश का क्या करें?
नवमी तिथि पर नवरात्रि के समापन के बाद कलश को पूजा स्थल से हटा देना चाहिए या फिर उसका विसर्जन कर देना चाहिए। इसके लिए कन्या पूजन के बाद कलश के ऊपर रखे नारियल को उठाकर अलग रख लें और फिर दशमी तिथि में कलाश का विसर्जन कर दें। ध्यान रहे की कलश का विसर्जन हमेशा शुभ मुहूर्त में किया जात है।
कलश पर रखे नारियल का क्या करें?
नवरात्रि में रखे जाने वाले कलश के ऊपर नारियल भी रखा जाता है। पूरे नौ दिनों तक माता रानी की पूजा के साथ ही इसकी भी पूजा की जाती है, जिसकी वजह से यह बहुत ही पवित्र हो जाता है। ऐसे में या तो आप इसके फोड़कर प्रसाद के तौर पर खा लें या फिर नारियल को एक लाल कपड़े में बांधकर घर के मंदिर या तिजोरी में रख सकते हैं। इसके अलावा आप इसे जल में भी प्रवाहित कर सकते हैं। ऐसा करना भी शुभ होता है।
कलश के जल का क्या करना चाहिए?
कभी भी कलश को खाली नहीं रखा जाता है। इसमें कई सारी चीजों के साथ पानी भी भरकर रखा जाता है, जो नौ दिनों की पूजा से बहुत ही शक्तिशाली हो जाता है। ऐसे में इस जल को पूरे घर में छिड़कें और बचे हुए जल को नाली में या गंदी जगहों पर न फेंके। इसे आप नीम, पीपल, बरगद के पेड़ में डाल दें या घर के ही गमलों में भी डाल सकते हैं।
अखंड ज्योति को लेकर न करें ये गलती
कई लोग नौ दिनों का उपवास रखने के साथ ही अखंड ज्योत भी जलाते हैं। ऐसे में नवरात्रि के समापन के बाद इसे बुझाने की कोशिश न करें। शास्त्रों के मुताबिक अखंड ज्योत को जबरदस्ती या फूंककर नहीं बुझाना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता है। अखंड ज्योति के समापन के बाद इसकी बत्ती को निकालकर अलग कर लें और यदि इसमें तेल बचा हुआ है तो उस तेल का आप दोबारा पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं। अखंड ज्योति के दीपक का तेल भी बहुत पवित्र माना जाता है।
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Updated 21:56 IST, April 17th 2024