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Published 22:23 IST, December 24th 2024

PM मोदी की अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक, रोजगार और कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अर्थशास्त्रियों के साथ मंगलवार को आगामी बजट पर उनके विचार और सुझाव जानने के लिए बैठक हुई ।

PM Modi in Christmas event
PM Modi | Image: ANI

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ मंगलवार को आगामी बजट पर उनके विचार और सुझाव जानने के लिए हुई बैठक में रोजगार सृजन, कृषि उत्पादकता तथा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजी जुटाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। नीति आयोग में हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थशास्त्रियों तथा विशेषज्ञों के 2025-26 के बजट को लेकर उनके विचारों और सुझावों को सुना। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2025 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी।

आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को मानसिकता में बुनियादी बदलाव के माध्यम से हासिल किया जा सकता है, जो 2047 तक देश को विकसित बनाने पर केंद्रित है। बैठक में अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। इनमें वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं से उत्पन्न चुनौतियों से निपटना, युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने की रणनीति और सभी क्षेत्रों में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करना शामिल हैं।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

इसके अलावा शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को रोजगार बाजार की उभरती जरूरतों के साथ जोड़ने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने और स्थायी ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा करने, निजी निवेश को आकर्षित करने तथा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने को लेकर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कोष जुटाने पर भी सुझाव दिए गए। बयान के अनुसार, बैठक में वित्तीय समावेश और निर्यात को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी सुझाव दिए गए।

बैठक में उपस्थित जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों में सुरजीत एस भल्ला, अशोक गुलाटी, सुदीप्तो मंडल, धर्मकीर्ति जोशी, जन्मेजय सिन्हा, मदन सबनवीस, अमिता बत्रा, रिधम देसाई, चेतन घाटे, भरत रामास्वामी, सौम्य कांति घोष, सिद्धार्थ सान्याल, लवीश भंडारी, रजनी सिन्हा, केशब दास, प्रीतम बनर्जी, राहुल बाजोरिया, निखिल गुप्ता और शाश्वत आलोक शामिल थे। यह बैठक आर्थिक वृद्धि में आई सुस्ती के बीच हुई है।

देश की आर्थिक वृद्धि दर

उल्लेखनीय है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 5.4 प्रतिशत रही जबकि जून तिमाही में यह 6.7 प्रतिशत थी। हाल ही में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। इसका कारण निजी निवेश और घरों की मांग में उम्मीद से कम वृद्धि है। इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी इसी महीने 2024-25 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया था।

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Updated 23:29 IST, December 24th 2024