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Published 00:08 IST, November 23rd 2024

दुनिया अब भारत के रणनीतिक महत्व को स्वीकार कर रही है : प्रधानमंत्री मोदी

PM मोदी ने कहा कि दुनिया भारत के रणनीतिक महत्व को स्वीकार कर रही है और यह 10 वर्षों में अपनाये गए ‘‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’’ मंत्र के कारण संभव हुआ है।

PM Modi in Nigeria
PM Modi | Image: X
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया भारत के रणनीतिक महत्व को स्वीकार कर रही है और यह पिछले 10 वर्षों में अपनाये गए ‘‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’’ मंत्र के कारण संभव हुआ है।

जर्मनी के स्टटगार्ट में आयोजित ‘न्यूज9 ग्लोबल समिट’ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश को 21वीं सदी में तीव्र विकास के लिए तैयार करने के लिए उनकी सरकार प्रगतिशील और स्थिर नीति-निर्माण की व्यवस्था लाई, उसने लालफीताशाही हटायी एवं जीएसटी (माल एवं सेवा कर) में एक कुशल कर प्रणाली शुरू की।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एक मजबूत नींव रखी गई है जिसपर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जर्मनी विकास के भारत के सफर में इसका साझेदार होगा।

उन्होंने कहा कि इस मीडिया कार्यक्रम का ध्येयवाक्य ‘भारत और जर्मनी: सतत विकास के लिए एक रूपरेखा’ है जो दर्शाता है कि यह यूरोपीय शक्ति (जर्मनी) भारत के अहम साझेदारों में एक है।

मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत-जर्मनी साझेदारी मजबूत हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और दुनिया का हर देश विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का ‘फोकस ऑन इंडिया’ दस्तावेज इसका एक उदाहरण है। यह दस्तावेज दिखाता है कि दुनिया भारत के रणनीतिक महत्व को कैसे स्वीकार कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अपनाया गया ‘‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’’ मंत्र दुनिया की सोच में आये इस बदलाव की वजह है।

मोदी ने कहा, ‘‘हर क्षेत्र में नयी नीतियां बनाई गई हैं। हमने लालफीताशाही को खत्म किया और कारोबार को आसान बनाया। भारत ने बैंकों को मजबूत किया ताकि विकास के लिए समय पर पूंजी उपलब्ध हो सके। जटिल कर प्रणाली को सरल बनाया गया।’’

मोदी ने कहा कि किसी भी देश के तेज विकास के लिए भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में तीनों मोर्चों पर बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम तेज गति से चल रहा है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि भारत की गतिशीलता जर्मनी की सटीकता आपस में जुड़े, जर्मनी की इंजीनियरिंग भारत के नवाचार से जुड़े।’’

मोदी ने कहा कि जर्मनी में तीन लाख भारतीय रहते हैं और 50,000 भारतीय वहां अध्ययन करने वाले विदेशियों में सबसे बड़ा समूह हैं।

उन्होंने कहा कि 1,800 से अधिक जर्मन कंपनियां भारत में काम कर रही हैं और उन्होंने पिछले तीन-चार वर्षों में 15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।

उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार लगभग 34 अरब डॉलर का है तथा उन्हें विश्वास है कि भविष्य में इसमें वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी ने इस वर्ष 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज हाल ही में अपनी तीसरी भारत यात्रा पर आए थे, जो दोनों देशों के प्रगाढ़ संबंधों को दर्शाता है।

00:08 IST, November 23rd 2024