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Published 22:34 IST, September 22nd 2024

'हमारी भाषाएं अनेक हैं लेकिन भाव केवल एक...भारत माता की जय', न्यूयॉर्क में बोले पीएम मोदी

न्यूयॉर्क से पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की भाषाएं अनेक है, लेकिन भाव केवल एक है- भारत माता की जय।

न्यूयॉर्क में पीएम मोदी का संबोधन।
न्यूयॉर्क में पीएम मोदी का संबोधन। | Image: Screen Grab

पीएम मोदी अपने तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के दूसरे दिन न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों के बीच पहुंचे है। अमेरिका में भारतीय लोगों के बीच पहुंचकर पीएम मोदी ने लोगों की ओर से मिल रहे अपार स्नेह के लिए आभार जताया। इस दौरान उन्होंने भारत की विविधता में एकता वाले कल्चर की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत में अनेक भाषाएं हैं, लेकिन भाव केवल एक है।

न्यूयॉर्क में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "मां भारती ने हमें जो सिखाया है, वो हम कभी भी भूल नहीं सकते, हम जहां भी जाते हैं, सबको परिवार मानकर उनसे घुल मिल जाते हैं। डायवर्सिटी को समझना, इसे जीना उसे अपने जीवन में उतारना ये हमारे संस्कारों में हैं, हमारी रगों में हैं।"

हमारी भाषा अनेक लेकिन भाव एक है-भारत माता की जय: PM मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, "हम उस देश के वासी हैं जहां सैकड़ों भाषाए हैं, सैकड़ों बोलियां हैं। दुनिया के सारे मत और पंथ हैं फिर भी हम एक और नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। इस हॉल में कोई तमिल बोलता है, कोई तेलुगु, कोई मलयालम, कोई कन्नड, कोई पंजाबी, कोई मराठी तो कोई गुजराती बोलता है। भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक है। वो भाव है भारत माता की जय। यही वैल्यूज हमें विश्व बंधु बनाती है। हमारे यहां कहा जाता है, जो त्याग करते हैं वो भी भोग पाते हैं। हम दूसरों का भला करके त्याग करके सुख पाते हैं। हम किसी भी देश में रहे ये भावना नहीं बदलती है। जहां रहते हैं ज्यादा से ज्यादा योगदान करते हैं।"

भारतीयों की स्किल, कमिटमेंट और टैलेंट का कोई मुकाबला नहीं: PM मोदी

उन्होंने कहा कि आपने अमेरिका और भारत को एक-दूसरे से कनेक्ट किया है। आपकी स्किल, टैंलेंट, कमिटमेंट इसका कोई मुकाबला नहीं है। आप 7 समंदर पार भले आ गए पर कोई समंदर इतना गहरा नहीं, जो दिल में बसे हिंदुस्तान को दूर कर सके।

न्यूयॉर्क के नासाऊ कोलिजियम में प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, हर नेता भारतीय प्रवासियों की तारीफ करता है। कल राष्ट्रपति बाइडेन मुझे अपने घर, डेलावेयर ले गए। उनकी आत्मीयता, गर्मजोशी मेरे लिए हृदय को छू लेने वाला क्षण था। वह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का है, यह सम्मान आपका है, और यहां रहने वाले लाखों भारतीयों का है। मैं राष्ट्रपति बाइडेन और आप लोगों का आभारी हूं। 2024 का यह वर्ष पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। एक तरफ कुछ देशों के बीच संघर्ष और तनाव है, दूसरी तरफ कई देशों में लोकतंत्र का जश्न मनाया जा रहा है। लोकतंत्र के इस जश्न में भारत और अमेरिका एक साथ हैं।"

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'मैं स्वाराज के लिए जीवन नहीं दे पाया लेकिन समृद्ध भारत के लिए जीवन समर्पित करुंगा'

उन्होंने कहा कि पहले दिन से मेरा मन और मिशन क्लियर रहा है, मैं स्वाराज के लिए जीवन नहीं दे पाया लेकिन मैंने तय किया स्वाराज और समृद्ध भारत के लिए जीवन समर्पित करुंगा। मेरे जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा रहा जिसमें मैंने देशभर में भ्रमण किया, जहां खाने को मिला खा लिया सोने को मिला सो गया, रेगिस्तान से लेकर बर्फिली चोटियों तक हर क्षेत्र के लोगों से मिला। अपने देश की चुनौतियों का फस्ट हैंड अनुभव लिया है मैंने। मैंने अपनी दिशा कुछ और तय की थी, लेकिन नियति ने मुझे राजनिती में पहुंचा दिया। सीएम बना तो सबसे लंबे समय तक सीएम रहा फिर लोगों प्रोमोशन देकर देश का पीएम बना दिया। राज्य और केंद्र में मैंने जो भ्रमण किया, उसे अपने गवर्नेंस मॉडल में देखा है। ये तीसरे कार्यकाल में तीन गुना कर्तव्यबोध से बढ़ रहा है।

Updated 22:42 IST, September 22nd 2024