Published 23:33 IST, December 1st 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध, AI से उत्पन्न खतरों पर चिंता व्यक्त की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और AI के कारण उत्पन्न संभावित खतरों और ‘डीपफेक’ की क्षमता पर चिंता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकी के कारण उत्पन्न संभावित खतरों, विशेष रूप से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को बाधित करने के लिए ‘डीपफेक’ की क्षमता पर चिंता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पुलिस आरक्षियों के कार्यभार को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया कि पुलिस थानों को संसाधन आवंटन का केन्द्र बिन्दु बनाया जाना चाहिए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मोदी ने सुरक्षा चुनौतियों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयामों पर व्यापक चर्चा को रेखांकित किया एवं सम्मेलन के दौरान उभरी जवाबी रणनीतियों पर संतोष व्यक्त किया।
बयान के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मौजूदा और उभरती चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई, जिनमें आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, आर्थिक सुरक्षा, आव्रजन, तटीय सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी शामिल हैं।
बयान के मुताबिक मोदी ने सुरक्षा चुनौतियों के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय आयामों पर व्यापक चर्चा रेखांकित की और सम्मेलन के दौरान उभरी जवाबी रणनीतियों पर संतोष व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और एआई प्रौद्योगिकी से उत्पन्न संभावित खतरों का प्रतिकार करने के लिए पुलिस नेतृत्व से भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आकांक्षी भारत की दोहरी एआई शक्ति का उपयोग करके चुनौती को अवसर में बदलने का आह्वान किया।
मोदी ने शहरी पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल को एकीकृत किया जाए और देश के 100 शहरों में पूरी तरह से लागू किया जाए।
उन्होंने ‘स्मार्ट’ पुलिसिंग के मंत्र का विस्तार किया और पुलिस से रणनीतिक, सतर्क, अनुकूलनीय, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया।
‘स्मार्ट’ पुलिसिंग का विचार प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में गुवाहाटी में आयोजित सम्मेलन में पेश किया गया था। इसमें भारतीय पुलिस को सख्त और संवेदनशील, आधुनिक और मोबाइल, सतर्क और जवाबदेह, विश्वसनीय और उत्तरदायी, तकनीक-प्रेमी और प्रशिक्षित (स्मार्ट) बनाने के लिए प्रणालीगत परिवर्तनों की परिकल्पना की गई है।
इसके अलावा सम्मेलन में नव-अधिनियमित प्रमुख फौजदारी कानूनों के कार्यान्वयन, पुलिसिंग में पहल और सर्वोत्तम प्रथाओं तथा पड़ोस में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई।
प्रधानमंत्री ने कुछ प्रमुख समस्याओं के समाधान में हैकाथॉन की सफलता पर चर्चा करते हुए राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने एवं विचार-विमर्श करने का सुझाव दिया। उन्होंने बंदरगाह सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने तथा इस उद्देश्य के लिए भविष्य की कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करते हुए पूरे सुरक्षा प्रतिष्ठान - मंत्रालय से लेकर पुलिस थाना स्तर तक - से अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए किसी भी पहलू पर लक्ष्य निर्धारित करने और उसे प्राप्त करने का संकल्प लेने का आह्वान किया, जिससे पुलिस की छवि, व्यावसायिकता और क्षमताओं में सुधार हो सके।
उन्होंने पुलिस से आह्वान किया कि वह आधुनिक बने और विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप खुद को ढालें।
मोदी ने अपना दृष्टिकोण दिया तथा भविष्य के लिए रोडमैप भी प्रस्तुत किया।
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक स्तर के लगभग 250 अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित हुए, जबकि 750 से अधिक अधिकारियों ने ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया।
सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित अन्य लोग शामिल हुए।
वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं। सम्मेलन में नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के दौरान विषयगत चर्चाएं होती हैं।
वर्ष 2013 तक यह वार्षिक सम्मेलन नयी दिल्ली में आयोजित किया जाता था। मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित इस सम्मेलन को राष्ट्रीय राजधानी से बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
इसी नीति के तहत सम्मेलन का आयोजन 2014 में गुवाहाटी में; 2015 में कच्छ के रण के धोर्डो में; 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में; 2017 में बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर में; 2018 में केवडिया में; 2019 में आईआईएसईआर, पुणे में; 2021 में पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में; 2023 में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, दिल्ली में किया गया।
Updated 23:33 IST, December 1st 2024