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Published 23:26 IST, July 10th 2024

ऑस्ट्रिया में भारतीय समुदाय के बीच पहुंचे PM, जानिए किस बात पर मोदी-मोदी के नारे से गूंज उठा हॉल

Austria: PM नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ऐसी बात कह दी कि काफी देर तक भारतीय समुदाय के बीच मोदी-मोदी का नारा गूंजता रहा।

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pm modi | Image: X/BJP

Austria: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ऐसी बात कह दी कि काफी देर तक भारतीय समुदाय के बीच मोदी-मोदी का नारा गूंजता रहा।

आपको बता दें कि पीएम मोदी मंगलवार, 9 जुलाई को रूस की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद ऑस्ट्रिया के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर से मुलाकात की और आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया।

काफी देर तक गूंजता रहा मोदी-मोदी का नारा

PM मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से हम दुनिया के साथ नॉलेज और एक्सपर्टीज शेयर करते रहे। हमने युद्ध नहीं दिए, हम सीना तानकर दुनिया को कह सकते हैं, हिन्दुस्तान ने युद्ध नहीं, दुनिया को बुद्ध दिए हैं। दुनिया भारत को विश्व बुंध को रूप में देखती है, ये हमारे लिए गर्व की बात है। इस बात पर काफी देर तक भारतीय समुदाय के बीच मोदी-मोदी का नारा गूंजता रहा।

'ऑस्ट्रिया का ये पहले दौरा बहुत सार्थक रहा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 'अनेक प्रोजेक्ट्स, टनल जैसे प्रोजेक्ट्स में ऑस्ट्रिया की कंपनियां भारत में काम कर रही हैं। आने वाले समय में यहां की कंपनियां, यहां के इनवेस्टर्स ज्यादा से ज्यादा अपना विस्तार भारत में करेंगे। ऑस्ट्रिया में रह रहे भारतीयों की संख्या बहुत बड़ी नहीं, लेकिन ऑस्ट्रिया के समाज में आपका योगदान प्रशंसनीय है। यहां के हेल्पकेयर सेक्टर में आपके रोल की बहुत प्रशंसा होती है। हम भारतीयों की पहचान केयर और कंपेशन के लिए होती है। ऑस्ट्रिया का ये पहले दौरा बहुत सार्थक रहा। यहां की सरकार, यहां की जनता का भी आभार व्यक्त करता हूं। आपको मेरी शुभकामनाएं। मुझे विश्वास है, इस बार 15 अगस्त पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाली होनी चाहिए।'

'आज भारत के बारे में दुनियाभर में चर्चा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 'दो देशों के बीच के रिश्ते सिर्फ सरकारों से नहीं बनते। रिश्तों को मजबूती देने में जनभागीदारी बहुत जरूरी है। इसलिए मैं आप सभी के रोल को इन रिश्तों के लिए बहुत अहम मानता हूं। मातृभूमि का संगीत और स्वाद आज भी आपके दिल में बसा है। आपने वियना की सड़कों और दूसरे शहरों में भारत के रंग भर दिए हैं। आप दीवाली हो या क्रिसमस, एक जैसे उत्साह से मनाते हैं।'

उन्होंने कहा कि आप अपने शहर वाली चाय की दुकान को भी याद करते हैं। भारत की तरह ऑस्ट्रिया का इतिहास और संस्कृति काफी पुराना और शानदार रहा है। एक दूसरे के साथ हमारे संपर्क भी ऐतिहासिक रहे हैं। इसका फायदा दोनों देशों को हुआ है। ये फायदा संस्कृति में भी हुआ है। करीब 200 साल पहले ही वियना की यूनिवर्सिटी में संस्कृत की पढ़ाई शुरू हो गई थी। वियना ने रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मेजबानी की। गांधी जी की शिष्या मीरा बेन का अंतिम समय वियना में ही बीता। हमारा सिर्फ कल्चर और कॉमर्स का ही रिश्ता ही नहीं, साइंस भी हमें जोड़ती है। आज मुझे नोबल पुरस्कार विजेता एंटोन जिलिंगर से मिलने का मौका मिला। आज भारत के बारे में दुनिया में बहुत चर्चा हो रही है।

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Updated 23:32 IST, July 10th 2024