अपडेटेड 14 April 2024 at 11:03 IST

पीएम मोदी ने दी बाबा भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि, सोशल मीडिया पर लिखा 'जय भीम'

Jai Bhim: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी, विभिन्न कार्यक्रमों में आंबेडकर पर दिए अपने भाषणों पर आधारित एक वीडियो भी साझा किया।

PM Modi pays tribute to Dr B.R. Ambedkar
पीएम ने दी बाबा को श्रद्धांजलि | Image: PTI

Dr. Babasaheb Ambedkar Jayanti: भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज 134 वीं जयंती है। हमारे देश में हर साल 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाता है। बाबासाहेब अंबेडकर एक वकील, विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए समर्पित कर दिया और आज तक हमारा देश उनसे प्रेरणा लेता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा कि, ‘बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। जय भीम।’ इस पोस्ट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न कार्यक्रमों में बाबा साहेब आंबेडकर पर दिए अपने भाषणों पर आधारित एक वीडियो भी साझा किया है।

बाबा ने समानता और स्वाभिमान के लिए लड़ी लड़ाई

जब भी भारत के संविधान निर्माता की बात होती है तो डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का जिक्र जरूर आता है, क्योंकि बाबा साहेब का जन्म जिस जाति में हुआ उसे हिन्दू वर्ण सिस्टम के हिसाब से सबसे नीचे माना जाता था। इसलिए समानता के लिए बाबा साहेब को जन्म से ही संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने पूरी जिन्दगी सामाजिक संघर्ष किया और अपने समाज के स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़ी। 

सामाजिक न्याय पाने की कोशिश करते रहे अंबेडकर 

डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों में सामाजिक विचारों में दलित वंचित समाज के लिए सामाजिक न्याय को पाने की कोशिश हमेशा झलकती थी। वह एक ऐसा आदर्श समाज बनाना चाहते थे जो समानता, स्वतंत्रता और एक समान अधिकार जैसे विचारों पर आधारित हो। उनके अनुसार जाति व्यवस्था आदर्श समाज के निर्माण में घातक थी। इसलिए उन्होंने हमेशा एक समानता को लेकर अपनी आवाज उठाई।

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बाबा साहेब ने कभी नहीं मानी हार

बाबा आंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में एक छोटे से गांव में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करने वाला बाबा साहेब ने इन परिस्थितियों के सामने हार नहीं मानी और उच्चतम शिक्षा हासिल करने का प्रयास जारी रखा। स्कूल-कॉलेज से लेकर नौकरी तक में उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा। उनके संघर्षपूर्ण जीवन और सफलता की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है। 

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 14 April 2024 at 11:03 IST