Published 13:44 IST, December 29th 2023
तो नीतीश के हाथ में आ ही गई JDU की कमान... ललन सिंह के इस्तीफे की पहले ही लिखी गई स्क्रिप्ट?
बात सच साबित हुई कयासों और अटकलों पर विराम लग गया। ललन सिंह ने प्रस्ताव रखा, मंजूर हुआ और जदयू के नए अध्यक्ष बन गए नीतीश कुमार।
Lalan Singh Resigns: बिहार की सियासत पर पैनी निगाह रखने वालों को जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का इंतजार था। स्क्रिप्ट के मुताबिक ही काम हुआ। बाहर इनकार करते रहे लेकिन बैठक स्थल में न हां में बदल गई और ललन सिंह ने जदयू अध्यक्ष पद छोड़ने का प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकार किया गया और फिर खबर आई की नीतीश कुमार फिर से जदयू अध्यक्ष बन गए हैं।
खबर में आगे पढ़ें-
- हुआ बदलाव, अब क्या होगा विपक्षी गठबंधन का भविष्य?
- बैठक से पहले कार्यकर्ताओं ने नीतीश के पक्ष में बनाया माहौल!
- इस्तीफे के बाद क्या बोले ललन
और इस्तीफा दे ही दिया
जदयू की एक धुरी पर खड़े दो कद्दावर के बिगड़ते रिश्तों की कहानी बिहार के सियासी हलकों में खूब कही सुनी जा रही थी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार जिन्हें कुर्सी कुमार भी विपक्षी नेता कहते हैं उन्हें अपने कद को लेकर आशंका थी। शक था कि उनके खास ललन सिंह अब दूर हो रहे हैं। प्रदेश सरकार के गठबंधन साथी राजद से नजदीकी बढ़ रही है और नीतीश की सुनी कम जा रही है।
क्या बोले ललन सिंह?
इस्तीफे की बात को बैठक शुरू होने से पहले तक ललन सिंह नकारते रहे। अन्य दिग्गज नेता भी विपक्ष और मीडिया पर दोष मढ़ते रहे। अफवाह करार दिया। लेकिन नतीजा सामने आया तो ललन सिंह ने अच्छा सा तर्क दिया। उन्होंने मिशन 2024 में दम खम दिखाने का जज्बा दिखाया।अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, 'चुनाव में अपनी सक्रियता को देखते हुए में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं और नीतीश कुमार का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित करता हूं।'
बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, "नीतीश कुमार ने इसे(अध्यक्ष पद) स्वीकार कर लिया है। अभी राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी उसमें अगर प्रस्ताव अनुमोदित हो जाता है तो स्वाभाविक रूप से वे राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। ललन सिंह ने खुद कहा कि उन्होंने पहले भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही पद स्वीकार किया था अब उन्हें चुनाव लड़ने के लिए लगातार बाहर रहना होगा इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया वे पद स्वीकार करें।"
माहौल बन चुका था!
इससे पहले कार्यकर्ताओं ने नीतीश के पक्ष में पटना से लेकर दिल्ली तक माहौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी थी। बैठक से पहले समर्थकों ने नीतीश के पक्ष में नारे लगाए। 'नीतीश कुमार जिंदाबाद'... 'नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनें' के नारे लगाते दिखे जिससे अंदाजा लग चुका था कि ललन के खिलाफ और नीतीश के पक्ष में माहौल बन चुका है।
सुशील मोदी की कही पर मुहर!
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने दावा किया था कि जदयू के शीर्ष नेता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अपने सहयोगी राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ बढ़ती निकटता के कारण पार्टी के भीतर फूट की आशंका लेकर असहज महसूस कर रहे हैं । इसे जदयू नेता लगातार नकारते रहे।
नीतीश कुमार का इतिहास
नीतीश कुमार महत्वाकांक्षी हैं ये किसी से छिपा नहीं है। अपनी जरूरत और सहूलियत के हिसाब से पाला बदलने में माहिर माने जाते हैं। तभी उन्हें पलटू राम, मौका परस्त जैसे नामों से विपक्ष संबोधित करता आया है। आज जिनके साथ गलबहियां कर आगे बढ़ रहे हैं वो भी कभी उनके खिलाफ थे। बिहार के पूर्व सीएम और जेपी मूवमेंट के उनके साथी रहे लालू प्रसाद यादव (जिन्हें बड़े भाई भी कहते हैं)ने सबसे पहले (2017) उन्हें पलटू राम का तमगा दिया था।
Updated 15:53 IST, December 29th 2023