Published 21:50 IST, February 27th 2024
सिद्धू मूसेवाला की मां की प्रेग्नेंसी की खबर के बाद चर्चा में IVF, जानिए क्या है इसका पूरा प्रोसेस
सिद्धू मूसेवाला के घर जल्द ही नन्हा मेहमान आने वाला है। उनकी मां IVF की मदद प्रेग्नेंट हुईं है। तो चलिए जानते हैं इससे मदर बनने का पूरा प्रोसेस क्या है।
IVF Complete Process: पंजाब के मशहूर दिवंगत पंजाबी सिंगर और रैपर सिद्धू मूसेवाला के घर जल्द ही किलकारी गूंजने वाली है। सिंगर की मां चरण कौर एक बार फिर से प्रेग्नेंट हैं। जानकारी के मुताबिक IVF की मदद से वह प्रेग्नेंट हुईं है और मार्च में वह अपने बच्चे को जन्म देंगी। इस खबर के बाद अब आईवीएफ चर्चा में है। तो चलिए जानते हैं कि इससे मां बनने का पूरा प्रोसेस क्या है।
Sidhu Moosewala की मां की प्रेग्नेंसी की खबर के बाद IVF चर्चा में आ गया है। लोगों के मन में अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर IVF से कोई महिला कितनी उम्र तक मां बन सकती है और इस प्रक्रिया का पूरा प्रोसेस क्या है। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।
क्या है IVF?
In Vitro Fertilization यानी आईवीएफ यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी मदद से लाखों कपल्स पैरेंट्स बनने का सपना पूरा चुके हैं। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या भी काफी है जो इस टेकनिक की मदद से भी मां-बाप बनने में सफल नहीं हुए। दरअसल, आज के समय में गलत खान-पान और लाइफस्टाइल का असर महिलाओं की प्रेग्नेंसी पर भी पड़ता है, जिसकी वजह से महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कतें आती हैं। ऐसे में इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए ही आईवीएफ ट्रीटमेंट किया जाता है, ताकि कपल पैरेंट्स बनने का सुख पा सकें।
IVF की मदद से किस उम्र तक की महिलाएं बन सकतीं हैं मां?
आईवीएफ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 24 से 30 साल तक की उम्र तक महिलाओं को नेचुरल तरीके से मां बनने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन अगर इसमें सफल न हो तो उसे इसी उम्र में आईवीएफ प्रक्रिया को अपनाना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में महिलाएं फिट होती हैं और इस प्रक्रिया के सफल होने की संभावना ज्यादा रहती है। 30 के बाद महिलाओं में एग्स की संख्या कम होने लगती है, जिससे कंसीव कर पाना चुनौतीपूर्ण बन जाता है। कुछ मामलों में 30 की उम्र के बाद महिलाओं में कई तरह की शारीरिक समस्याएं भी होने लगती है।
कैसे किया जाता है IVF, क्या है इसका पूरा प्रोसेस?
स्टेप-1
आईवीएफ प्रक्रिया को करने से पहले महिला और पुरुष दोनों की सबसे पहले जांच की जाती है। उसके बाद जांच की रिपोर्ट के आधार पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।
स्टेप-2
सबसे पहले पुरुष के सीमेन यानी स्पर्म को लैब में दिया जाता है, जहां उसके अच्छे और खराब शुक्राणुओं को अलग-अलग किया जाता है।
स्टेप-3
इसके बाद महिला के शरीर से इंजेक्शन के द्वारा उसके अंडे को बाहर निकाल कर फ्रीज किया जाता है, फिर लैब में अंडे के ऊपर अच्छे शुक्राणु जो सक्रिय है, उनको रखा जाता है और प्राकृतिक रुप से फर्टिलाइज होने के लिए छोड़ दिया जाता है।
स्टेप-4
फर्टिलाइजेशन के तीसरे दिन तक भ्रूण तैयार हो जाता है, जहां कैथिटर उपकरण की सहायता से उसे महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। भ्रूण ट्रांसफर करने के कुछ घंटे बाद महिला अपने घर जा सकती है।
स्टेप-5
फिर 2 सप्ताह के बाद महिला को गर्भाशय की जांच के लिए बुलाया जाता है और प्रेग्नेंसी टिप्स दिए जाते हैं।
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Updated 21:50 IST, February 27th 2024