पब्लिश्ड 17:01 IST, June 22nd 2024
आपको भी लगता है पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक होता है सेम? जानें इनके बीच का अंतर और बचाव के तरीके
अक्सर लोग पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक को सेम समझने की गलती कर बैठते हैं। आइए जानते हैं कि इनके बीच क्या अंतर है और इससे बचाव कैसे करें।
Panic And Anxiety Attack Difference: अक्सर आप सभी ने पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक का नाम सुना होगा। दरअसल, आजकल की खराब लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोग तनाव और स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं, जिसका सीधा असर व्यक्ति के मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। ऐसे में कई बार उन्हें एंग्जायटी और पैनिक अटैक का भी सामना करना पड़ता है। दोनों में ही लोगो के दिल की धड़कन तेज होने लगती है। ऐसे में लोग इन दोनों को एक समझने की गलती कर बैठते हैं। हालांकि यह दोनों एक दूसरे से अलग होते हैं कुछ सिमलैरिटीज है, लेकिन सेम नहीं है। आइए जानते हैं इनके बीच का अंतर और इससे बचने के तरीके क्या है।
पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक दोनों ही कंडीशन में व्यक्ति का हार्ट रेट बढ़ने लगता है और वह घबरा जाते हैं। वहीं कुछ लोगों को लगता है कि यह हार्ट से जुड़ा मामला है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि साइकाइट्रिस्ट की मदद से पैनिक और एंजाइटी अटैक का ट्रीटमेंट किया जा सकता है। चलिए इनके बीच का अंतर और बचाव के तरीके के बारे में जानते हैं।
क्या होता है पैनिक अटैक?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक पैनिक अटैक हमेशा अचानक ही होता है। आम भाषा में कहें तो यह एक तरह का मानसिक डर होता है। कई बार यह किसी फोबिया के चलते भी हो सकता है। ऐसे में पैनिक अटैक किसी को भी कभी भी और कहीं भी आ सकता है। हालांकि यह कुछ मिनटों में ही ठीक हो जाता है। आइए जानते हैं कि इसके लक्षण क्या है।
पैनिक अटैक के लक्षण
- अचानक घबराहट
- तेजी से पसीना आना
- हाथ-पैर कांपना
- सांस लेने में तकलीफ
- गला सूखना
- उल्टी होना
- पेट में तेज दर्द
- चक्कर आना
- दिल तेजी से धड़कना
- आंखों के सामने अंधेरा महसूस होना
- बैठे रहने पर भी चक्कर आना
- ब्लड प्रेशर बढ़ना
- सीने में दर्द
- बेचैनी होना
एंग्जायटी अटैक क्या होता है?
वहीं एंग्जायटी पैनिक अटैक से बिल्कुल अलग साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम है। यह अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग तरह से देखा जा सकता है। आम और आसान भाषा में कहें तो एंग्जायटी अटैक तब आता है, जब कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी वजह या समस्या से परेशान चल रहा हो, जिसको लेकर वह लगातार चिंता में रहते हैं, इससे स्ट्रेस बढ़ने पर अटैक आ सकता है।
एंग्जायटी अटैक के लक्षण?
- घबराहट होना
- डर लगना
- दिल की धड़कन बढ़ना
- देखने में परेशानी महसूस करना
- सीने में तेज दर्द होना
- सांस लेने में कठिनाई महसूस करना
- मन में बुरे विचार आना
कैसे करें इनसे बचाव?
सांस से जुड़ा व्यायाम
गहरी, धीमी सांस लेने से आपके तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद मिल सकती है।
ग्राउंडिंग तकनीक
अपनी इंद्रियों को जोड़कर वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करें। जैसे कि पांच ऐसी चीजों के नाम बताएं जिन्हें आप देख सकते हैं, चार ऐसी चीजें जिन्हें आप छू सकते हैं, तीन ऐसी चीजें जिन्हें आप सुन सकते हैं, दो ऐसी चीजें जिन्हें आप सूंघ सकते हैं और एक ऐसी चीज जिसे आप चख सकते हैं।
रिलैक्सेसन तकनीक
पैनिक और एंग्जायटी अटैक के लिए ध्यान, योग और प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम जैसे अभ्यास समग्र चिंता को कम करने के लिए बहुत ही मददगार हो सकते हैं।
प्रोफेशनल हेल्प
इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप प्रोफेशनल तरीके से भी हेल्प ले सकते हैं। इसके लिए थेरेपी, विशेष रूप से संज्ञानात्मक-व्यवहार थेरेपी (सीबीटी), और दवा, घबराहट और चिंता विकारों के प्रबंधन में प्रभावी हो सकती है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
अपडेटेड 17:01 IST, June 22nd 2024