अपडेटेड 1 December 2024 at 23:43 IST
Men's Health: पिता बनने तक चार समस्याओं का सामना करते हैं पुरुष
एक पुरुष के पिता बनने से पहले उसके जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं। कई पुरुषों के लिए पिता बनना तनावपूर्ण हो सकता है, तो कुछ इस बदलाव के कारण खुद को अलग-थलग पाते हैं।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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एक पुरुष के पिता बनने से पहले उसके जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं। कई पुरुषों के लिए पिता बनना तनावपूर्ण हो सकता है, तो कुछ इस बदलाव के कारण खुद को अलग-थलग पाते हैं। फिर भी, पिताओं को अक्सर इस बदलाव का सामना करने में सहायता के लिए समर्थन एवं जानकारी तक पहुंच का अभाव रहता है।
सही जानकारी होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि…
सही जानकारी होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसके बिना पिता बनने वाले पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है, जिनमें बच्चे के जन्म के बाद होने वाला अवसाद शामिल है और यह समस्या ब्रिटेन के दस में से एक पिता को प्रभावित करती है।
पिता बनने तक पुरुषों द्वारा अनुभव की जाने वाली समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए हमने उन पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर उपलब्ध साक्ष्य की वैश्विक समीक्षा की। हमने अपनी समीक्षा में 37 अलग-अलग अध्ययनों को शामिल किया।
इन अध्ययनों में कई अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें गहन साक्षात्कार, फोन पर चर्चा और ऑनलाइन सर्वेक्षण शामिल हैं।
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कुछ पुरुषों को पिता बनने के बाद जीवन में होने वाले परिवर्तन के दौरान सकारात्मक पहलुओं का अनुभव हुआ और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा जबकि दूसरों के लिए यह बदलाव अधिक चुनौतीपूर्ण लगा।
इन निष्कर्षों के आधार पर हमने चार ऐसी दिक्कतों को ढूंढ निकाला, जिन्हें पुरुषों ने पिता बनने पर अनुभव किया। पिता बनने तक पुरुषों द्वारा अनुभव की जाने वाली आम चुनौतियों को समझकर भविष्य में उन्हें सही सहायता और जानकारी प्रदान करना आसान हो सकता है।
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1. साथी के साथ रिश्ते में बदलाव
कई पुरुषों को पिता बनने के बाद अपने साथी के साथ मधुर रिश्ते में आए बदलाव और कभी-कभी उसके खत्म होने जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ता है। पिता बनने के साथ नयी जिम्मेदारियों के कारण पुरुषों के पास आराम और दूसरी चीजों के लिए बहुत कम समय बचता है। पुरुषों के जीवन में होने वाले इस परिवर्तन के चलते कुछ दंपतियों के बीच दरार आयी, जिस वजह से पुरुषों की भावनात्मक स्थिति ख़राब हुई।
पिता बनने के बाद कुछ पुरुषों ने यह भी बताया कि उन्हें मां और शिशु के बीच के रिश्ते के कारण खुद को अलग-थलग महसूस करना पड़ा। अध्ययन में शामिल एक प्रतिभागी ने यहां तक कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था कि ‘मेरा बच्चा सिर्फ मेरी पत्नी का बच्चा है’। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि पिता बनने के बाद उसे ऐसा लगा कि उसकी अहमियत कम हो गयी है।
2. पिता की भूमिका को लेकर असमंजस
पिता बनने के बाद कई पुरुषों में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति थी कि आखिर उनसे क्या अपेक्षा की जाती है।
अध्ययन में शामिल कई पुरुषों ने बताया कि वे पिता बनने के बाद इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि उन्हें घर के लिए कमाई करने वाले की भूमिका निभानी चाहिए या फिर बच्चे की देखभाल करने वाले पिता की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। ज्यादातर पुरुषों ने सोचा कि दोनों भूमिकाएं महत्वपूर्ण हैं लेकिन अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करने और अपने बच्चे व साथी के साथ समय बिताने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करना उन्हें बहुत ‘तनावपूर्ण’ लगा।
इस दौरान सांस्कृतिक पृष्ठभूमि ने भी भूमिका निभाई, जिसमें विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के कुछ पिताओं ने महसूस किया कि परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना सबसे महत्वपूर्ण है और बच्चे की देखभाल करना मां की जिम्मेदारी है।
3. भुलाए जाने और कमतर आंके जाने का अहसास
पिता बनने वाले पुरुषों ने पत्नी के प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर परामर्श तथा चिकित्सकों से मुलाकात के दौरान खुद को अलग-थलग महसूस किया। एक पिता ने यहां तक बताया कि ‘‘नर्स ने मेरे चारों ओर पर्दा डाल दिया था।’’
कुछ पुरुषों ने स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों से अपमानजनक व्यवहार और उपहास का भी अनुभव किया। एक पिता ने बताया कि वह जिन स्वास्थ्य पेशेवरों के संपर्क में थे वे उनके साथ ऐसा व्यवहार करते थे मानो जैसे आप एक जरिया मात्र हैं और वे हंसते थे और कहते थे “देखो, पिताजी परेशान हो रहे हैं”।
4. अकेले जूझना
हमारी समीक्षा में शामिल ज्यादातर अध्ययनों में पिता बनने वाले पुरुषों की शारीरिक और भावनात्मक रूप से जांच की गयी, लेकिन कई पुरुषों ने इस बदलाव के दौरान किसी भी भावनात्मक संघर्ष को स्वीकार नहीं करना चाहा। उनका मानना था कि एक पिता के रूप में आपको कमजोर नहीं दिखना चाहिए।
हमारा शोध दर्शाता है कि माता-पिता बनने के दौरान मां के साथ-साथ पिताओं के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है। माता-पिता दोनों को भावनात्मक और मानसिक सहायता प्रदान करने से पिता और पूरे परिवार को बच्चे के लिए तैयार करने में सहायता मिलेगी।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 1 December 2024 at 23:43 IST