Published 17:27 IST, December 22nd 2024
क्रिसमस कई लोगों के लिए हो सकता तनावपूर्ण: इन उपायों से बच सकते
क्रिसमस खुशी और एकजुटता का मौसम है। लेकिन कई लोगों के लिए यह साल का सबसे तनावपूर्ण समय भी होता है।तनाव हम पर थोपी गई मांगों और उन मांगों को पूरा करने की हमारी क्षमता के बीच असंतुलन से उत्पन्न होता है।
क्रिसमस खुशी और एकजुटता का मौसम है। लेकिन कई लोगों के लिए यह साल का सबसे तनावपूर्ण समय भी होता है। तनाव हम पर थोपी गई मांगों और उन मांगों को पूरा करने की हमारी क्षमता के बीच असंतुलन से उत्पन्न होता है। मनोवैज्ञानिक रूप से, तनाव इस बात से जुड़ा है कि हम परिस्थितियों का सामना कैसे करते हैं और क्या हम उन्हें चुनौतीपूर्ण और खतरनाक मानते हैं। हम किसी स्थिति को जितना अधिक चुनौतीपूर्ण या खतरनाक मानते हैं, उतनी ही अधिक आशंका है कि हम तनावग्रस्त हो जाएं।
इससे फिर यह समझ में आता है कि क्रिसमस कई लोगों के लिए साल का एक तनावपूर्ण समय भी है। छुट्टियों को ‘‘बेहतर’’ बनाने का दबाव, अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यकता से अधिक धन खर्च करना, छुट्टियों की खरीदारी, सजावट और सामाजिक मेलजोल जैसी प्रतिबद्धताओं के बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद हमें अभिभूत और थका हुआ महसूस करा सकती है।
अन्य कुछ लोगों के लिए क्रिसमस अकेलेपन, दुख या प्रियजनों से अलगाव की भावनाओं को उजागर करता है। यह मौसम खत्म हो चुके रिश्ते, आर्थिक मुश्किलों या जीवन के अधूरे लक्ष्यों की दर्दनाक याद दिला सकता है। परिवार के सदस्यों से मुलाकात से भी तनाव पैदा हो सकता है क्योंकि हमें ऐसे रिश्तेदारों से बातचीत करने के लिए बाध्य होना पड़ता है जिनके विचार या आदतें आपस में मेल नहीं खाती हैं और इससे झड़प हो सकती है या विवाद फिर से उभर सकते हैं।
छुट्टियों के दौरान हालांकि कुछ तनाव होना अपरिहार्य है, लेकिन आप इससे निपटने के लिए कई चीजें कर सकते हैं और यहां तक कि इस तनाव को पहले ही रोक सकते हैं।
आगे की योजना
जब हमारा मस्तिष्क जानता है कि क्या होने वाला है, तो उसे समाधान खोजने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इससे हमें किसी भी चुनौती का सामना करने में आसानी होती है और आगे की योजना बनाकर यह हमें अपने विचारों पर नियंत्रण रखने और संभावित तनाव को कम करने में मदद करता है। छुट्टियों के आने से पहले, उन चीजों के बारे में सोचने में समय बिताने का प्रयास करें जो आपके लिए तनाव का कारण है और इस तनाव को दूर करने के लिए एक योजना बनाएं।
सीमाएं तय करें
आपसे जो भी कहा जाए, उससे सहमत होने के बजाय ‘‘नहीं’’ कहना सीखना महत्वपूर्ण है। अपनी सीमाओं को समझने और उनका सम्मान करने से आपको अपना समय और संसाधन अधिक प्रभावी ढंग से आवंटित करने में मदद मिलेगी जिससे तनाव को दूर किया जा सकता है। इस कौशल को विकसित होने में समय लगता है लेकिन यह आपकी दीर्घकालिक भलाई के लिए आवश्यक फायदा पहुंचा सकती है। हम अपने सामने आने वाली चुनौतियों का प्रबंधन करने की अपनी क्षमताओं के प्रति जितना अधिक आश्वस्त होंगे, हम सीमाएं निर्धारित करने में उतने ही बेहतर बनेंगे और अंततः तनाव को दूर कर सकेंगे।
अपेक्षाओं का प्रबंधन करें
यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि सब कुछ आपके नियंत्रण में नहीं है। क्रिसमस पर आप कई चीजों की योजना बना सकते हैं और तैयारी कर सकते हैं, लेकिन कई चीजें ऐसी भी हैं जो आपके हाथ से बाहर हैं। उदाहरण के लिए, आप इस बात को नियंत्रित नहीं कर सकते कि क्रिसमस के मौके पर रात के भोजन के समय दूसरे लोग किस तरह से व्यवहार करेंगे, या कोई व्यक्ति आपके द्वारा खरीदे गए उपहार पर किस तरह से प्रतिक्रिया करेगा।
चिंतन के लिए समय निकालें
छुट्टियों के तनाव से निपटने का एक और सार्थक तरीका है, रुकना और अपनी भावनाओं से जुड़ना। अपने विचारों को कागज के एक टुकड़े पर लिखें। फिर रुकें और गंभीरता से सोचें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं। अपने दिमाग को यह समझने के लिए कुछ समय दें कि क्या हो रहा है, इससे आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यदि आपको छुट्टियों के दौरान दोस्तों और परिवार के साथ घुलने-मिलने में दिक्कत हो रही है, तो प्रतिक्रिया देने या कुछ ऐसा कहने से पहले रुकें जो आप कहना नहीं चाहते। इससे आपको अपनी भावनाओं पर काबू पाने और तनाव दूर करने में भी मदद मिलेगी।
छुट्टियों के बाद की स्थिति से निपटना
कुछ लोगों को छुट्टियों के बाद उदासी जैसा अनुभव हो सकता है - जिसे अक्सर ‘‘पोस्ट-फेस्टिव ब्लूज’’ या ‘‘पोस्ट-हॉलिडे ब्लूज’’ कहा जाता है। छुट्टियों का मौसम अक्सर खुशी और तनाव का मिश्रण होता है, जिससे भावनात्मक उतार-चढ़ाव पैदा होते हैं और हमारे शरीर में थकावट और कमजोरी महसूस होती है। छुट्टियों के बाद होने वाले इन अवसादों को दूर करने के लिए आप कई रणनीतियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। नियमित व्यायाम, यथार्थवादी और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करना और दूसरों के साथ फिर से जुड़ना जैसी गतिविधियां हमारे मूड को बेहतर बना सकती है।
देवेंद्र धीरज
धीरज
Updated 17:27 IST, December 22nd 2024