अपडेटेड 27 May 2023 at 07:22 IST

Nirjala Ekadashi पर इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलेगी दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति

Nirjala Ekadashi पर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत की पूरी पूजा विधि।

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Nirjala Ekadashi Puja Vidhi
Nirjala Ekadashi Puja Vidhi | Image: self

Nirjala Ekadashi Puja Vidhi: ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की तिथि में पड़ने वाली साल की सबसे बड़ी एकादशी यानी निर्जला एकादशी इस बार 31 मई 2023 को पड़ रही है। मान्यता है कि इस एक व्रत को रखने से साल की 24 एकादशियों के बराबर फल मिलता है, जिसकी वजह से हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में इस दिन व्रती लोगों को विधिवत भगवान विष्णु की पूजा-अर्जना करनी चाहिए और कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत की पूरी पूजा विधि।

शास्त्रों के मुताबिक हिंदू धर्म में Nirjala Ekadashi का विशेष महत्व होता है। इसे रखने से जातक को सुख-शांति की प्राप्ती तो होती है साथ ही साथ व्रती पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी बरसती है। इस दिन निर्जल यानी बिना पानी पिए भगवान विष्णु की आराधना करने का विधान है। इस व्रत से दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

Nirjala Ekadashi शुभ मुहूर्त

इस साल निर्जला एकादशी 31 मई को पड़ रही है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। उसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक है। वहीं निर्जला एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहे हैं। 31 मई को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो सुबह 06:00 बजे तक है। रवि योग भी सुबह 05:24 बजे से सुबह 06:00 बजे तक ही है। बता दें कि इस तिथि में पूजा करने से व्रत का फल दोगुना हो जाता है। 

निर्जला एकादशी पर इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा

Nirjala Ekadashi के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पीले कपड़े पहनें और सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद घर के मंदिर में जाएं और भगवान विष्णु के सामने एकादशी व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद विष्णु जी का गंगा जल से अभिषेक करें, फिर विष्णु भगवान को फूल और तुलसी दल चढ़ाएं। इसके बाद धूप-दीप से उनकी पूजा करें और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। आखिरी में विष्णु जी की आरती करें। इस दिन जितना हो सके उतना भगवान का ध्यान करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 27 May 2023 at 07:22 IST