अपडेटेड 18 December 2024 at 16:04 IST
उत्तराखंड में कब लागू होगा UCC? मुख्यमंत्री धामी ने दी जानकारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि राज्य में अगले साल जनवरी से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी।
- भारत
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि राज्य में अगले साल जनवरी से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी। देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक के दौरान धामी ने कहा कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार, समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में 'होमवर्क' पूरा कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी की सत्ता बरकरार रही, तो प्रदेश में यूसीसी लागू किया जाएगा।
इस संबंध में धामी ने कहा कि…
इस संबंध में धामी ने कहा कि मार्च 2022 में उत्तराखंड में नयी सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही प्रदेश में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया।
धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसकी अधिसूचना जारी की गई। उन्होंने कहा कि अब समान नागरिक संहिता अधिनियम की नियमावली भी तैयार कर ली गई है और उत्तराखंड जनवरी से यूसीसी को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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मुख्यमंत्री ने कहा, ''उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' की मूल भावना पर अमल करते हुए समाज को नयी दिशा देगा। यह कानून खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नये द्वार खोलेगा।'' उन्होंने अधिकारियों को यूसीसी के प्रावधान लागू करने के लिए कर्मियों को समुचित प्रशिक्षण देने के साथ ही सभी तरह की आधारभूत सुविधाएं जुटाने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन रखते हुए जनसामान्य की सहूलियत का ख्याल रखा जाए।
धामी ने कहा कि जनसामान्य की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक पोर्टल और मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है, ताकि पंजीकरण और अपील सहित अन्य सुविधाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हो सकें।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 18 December 2024 at 16:04 IST