sb.scorecardresearch

Published 15:47 IST, June 8th 2024

Water Crisis: महाराष्ट्र के नासिक में गहराया जल संकट, पानी के लिए मीलों पैदल चलने को मजबूर महिलाएं

महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक में पानी की गंभीर समस्या से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, महिलाओं को पानी लाने के लिए मीलों तक पैदल चलना पड़ रहा है

Reported by: Nidhi Mudgill
Follow: Google News Icon
  • share
Water crisis in Nashik
नासिक में गहराया जल संकट | Image: ANI

Nashik Water Crisis: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक में पानी की गंभीर समस्या से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, महिलाओं को पानी लाने के लिए मीलों तक पैदल चलना पड़ रहा है, हालांकि पानी के इस संकट का मुख्य कारण कम बारिश और जल स्रोतों का सूखना बताया जा रहा है। जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

वैसे तो इस समय महाराष्ट्र में बारिश का माहौल है, लेकिन वहीं नासिक (Nasik) में हर साल की तरह इस बार भी गर्मी के दिनों में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। दरअसल इस समय नासिक के अलग-अलग इलाकों में इन दिनों जल संकट गहराया हुआ है। 

मुश्किलों से मिल पा रहा पीने का पानी

नासिक के इस गांव के लोगों को पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। स्थानीय लोग सरकार से पानी की सुविधा मुहैया करवाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि पीने का पानी लोगों को काफी मुश्किलों से मिल पा रहा है।

गंगोदबाड़ी गांव में भी जल संकट

नासिक के पेठ तालुका के अंतर्गत आने वाले गंगोदबारी गांव में भी कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं जहां, लोग हर दिन पानी पाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब गांव पानी की कमी से जूझ रहा है, बल्कि यह समस्या गांवों में 10 साल से चली आ रही है। गंगोदबारी गांव के सरपंच मोहन गवली का कहना है कि, ‘हमारे गांव में लगभग 10 साल से पानी का यह संकट चल रहा है। महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर इस कुएं में उतरती हैं, गिरने का डर हमेशा बना रहता है। महिलाओं को शाम के अंधेरे में भी पीने का पानी लेने आना पड़ता है।

यह भी पढ़ें : 'अचार के कारोबार से मीडिया टाइकून तक...', ऐसा रहा रामोजी राव का सफर

2022 में हुए सर्वे में सामने आई थी पेयजल की कमी

बता दें कि, साल 2022 में भूजल सर्वेक्षण और विकास एजेंसी के सर्वेक्षण में पता चला था कि पुणे, नासिक, धुले, जलगांव, नंदुरबार और अमरावती जिलों के 15 ब्लॉकों के 213 गांवों को अप्रैल से ही पेयजल की कमी का सामना करना पड़ता है। वहीं हर साल सितंबर के महीने तक जलस्तर में 1-2 मीटर तक की गिरावट भी देखी जाती है।  इसके अलावा, पिछले साल मानसून में यहां 20 प्रतिशत से ज्यादा बारिश में कमी दर्ज की गई थी, ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों को पानी की समस्या होना लाजमी है। लेकिन इसका सीधा असर घरेलू महिलाओं पर पड़ता है जिन्हें लंबा रास्ता तय करके पानी लेने जाना पड़ता है।

यह भी पढ़ें : लखनऊ में SP दफ्तर के सामने लगी होर्डिंग की क्यों हो रही है इतनी चर्चा?

Updated 15:58 IST, June 8th 2024